विदेशी इंस्टीट्यूट भारत में ही एकेडमिक क्वालिफिकेशन की डिग्री दे सकेंगे
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी UGC ने शनिवार को फॉरेन डिग्री एजुकेशन के लिए नए नियम जारी किए हैं।
इसे UGC (रिकॉग्नाइजेशन एंड ग्रांट एक्यूवलेंस टू क्वालिफिकेशन फॉरेन एजुकेशनल इंस्टीट्यूटस) रेगुलेशन 2025 नाम दिया गया है। इसके मुताबिक भारतीय छात्रों को देश में ही एकेडमिक क्वालिफिकेशन की डिग्री विदेशी इंस्टीट्यूट दे सकेंगे। इस नियम का उद्देश्य स्टूडेंट्स फॉरेन यूनिवर्सिटी जाने से रोकना है।
नए नियमों के मुताबिक स्कूलों और हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूटस से फॉरेन क्वालिफिकेशन का आकलन करने के लिए सरल और आसान मैकेनिज्म बनाया जाएगा। ये रेगुलेशन मेडिकल, फार्मेसी, नर्सिंग,लॉ, आर्किटेक्ट और भारत में लॉ से जुड़े विषयों में दी जाने वाली डिग्रियों में लागू नहीं होंगे।
एम जगदीश ने कहा- ‘अगर भारतीय संस्थानों को विदेशी छात्रों को आकर्षित करना है तो हमें विदेशी डिग्री की निष्पक्ष और समय पर मान्यता सुनिश्चित करनी चाहिए।’ एम जगदीश ने कहा- ‘अगर भारतीय संस्थानों को विदेशी छात्रों को आकर्षित करना है तो हमें विदेशी डिग्री की निष्पक्ष और समय पर मान्यता सुनिश्चित करनी चाहिए।’ ‘यह सुधार एक लंबे समय से चली आ रही चुनौती में एक बेहतर कदम है और भारत को शिक्षा के लिए वैश्विक केंद्र में बदलने के राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्य के साथ जुड़ा हुआ है। ये एक ट्रांसपेरेंट प्रोसेस होगा और इसके नियमों का उद्देश्य विदेशी डिग्री के आकलन में देरी और गड़बड़ियों को खत्म करना होगा। जिससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप बनाया जा सके।