राजकुमार मल
Fertilizer market : यूरिया 20 रुपए किलो.. उर्वरक बाजार की मनमानी से हलाकान सब्जी उत्पादक छोटे किसान
Fertilizer market : भाटापारा- खुले में बेचने की अनुमति है लेकिन गलत है, यूरिया की खरीदी पर 20 रुपए किलो का लिया जाना। जरुरत कम मात्रा की ही है, इसलिए छोटी सब्जी बाड़ियां स्वीकार कर रहीं हैं यह गैर वाजिब कीमत है।
Fertilizer market : जरूरत के हिसाब से उर्वरक की खरीदी कर रहे हैं किसान। रबी फसल ले रहे किसान तो फिर भी सही कीमत पर उर्वरक का उठाव कर ले रहे हैं लेकिन सब्जी उत्पादक छोटे किसान उर्वरक बाजार की मनमानी से हलाकान होने लगें हैं। यह इसलिए क्योंकि खुले में बेची जा रही खाद निर्धारित से दोगुनी कीमत में खरीदनी पड़ रही है। खामोश है निगरानी तंत्र। ऐसे में खुले में उर्वरक बेचने वालों को खुली छूट मिल रही है।
Fertilizer market : इस भाव पर उर्वरक
यूरिया की जरूरत सबसे ज्यादा होती है। खुले में यह उर्वरक 20 रुपए किलो की दर पर बेचा जा रहा है। सुपर फास्फेट की खरीदी भी सब्जी बाड़ियों को 20 रुपए किलो की दर पर करनी पड़ रही है। जबकि ग्रोमोर की प्रति किलो खरीदी पर 50 रुपए देने पड़ रहे हैं। पोटाश के लिए भी दुकानें इतनी ही रकम ले रहीं है। अधिकतम खुदरा बिक्री मूल्य से काफी ज्यादा है, ली जा रही कीमत।
Fertilizer market : पैक में यह कीमत
यूरिया 265 रुपए 50 पैसे में 45 किलो के पैक में विक्रय किया जाता है। सुपरफास्फेट पाउडर की बोरी 470 रुपए, तो दानेदार सुपर फास्फेट 490 रुपए तय है। ग्रोमोर की 50 किलो की बोरी 1470 रुपए और डीएपी का बैग 1350 रुपए में विक्रय किया जा रहा है, तो पोटाश की प्रति बोरी कीमत 1700 रुपए तय है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि खुदरा विक्रय में कितनी मुनाफाखोरी की जा रही है।
Fertilizer market : बेलगाम हैं यहां की दुकानें
शहरी क्षेत्र तो फिर भी ठीक है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र की उर्वरक दुकानों पर कोई नियंत्रण नजर नहीं आ रहा है क्योंकि जरुरत के हिसाब से कीमत तय हो रही है। मांग फिलहाल सब्जी बाड़ियों की है, जहां खरीदी जाने वाली मात्रा बेहद कम होती है। इसलिए दोगुना से ज्यादा कीमत पर बेचे जा रहे हैं उर्वरक। निगरानी से यह क्षेत्र भी दूर ही है।
उर्वरक की खुदरा बिक्री की जा सकती है लेकिन कीमत का अधिक लिया जाना पूरी तरह गलत है। जांच करवाई जाएगी।