Federation : मांगे पूरी नही होने पर अप्रिय स्थिति निर्मित होने की बात कही
Federation : चारामा। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले आज लगातार पांचवें दिन भी हड़ताल में डटे रहे। वही आज फेडरेशन के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के सदस्य को अपनी मांगों को पूरा करने का अनुरोध करते हुए ज्ञापन सौंपा गया। फेडरेशन ने ज्ञापन में कहा है कि वर्तमान में ज्वलंत विषय यह है कि कमरतोड़ महंगाई तथा उससे राहत हेतु केन्द्र के अनुसार शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों को 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं 7वें वेतन आयोग के अनुसार गृह भाड़ा भत्ता दिया जाना है।
Federation : खेद का विषय है कि प्रदेश के कर्मचारी / अधिकारी मात्र 22 प्रतिशत महंगाई भत्ते पर अटके हैं तथा गृह भाड़ा भत्ता भी 6वें वेतन आयोग के अनुसार दिया जा रहा है जो आधा भी नहीं है ।
Federation : इसके विपरीत प्रदेश में (1) विद्युत विभाग के कर्मचारियों को 34 प्रतिशत (2) प्रदेश के अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को 31 प्रतिशत एवं ( 3 ) पेन्शनर्स को केवल 17 प्रतिशत महंगाई भत्ता ही दिया जा रहा है, जबकि महंगाई तो सभी के लिये समान है । छत्तीसगढ़ के अन्य कर्मचारी / अधिकारी मात्र 22 प्रतिशत महंगाई भत्ता प्राप्त कर रहे हैं जो अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम है।
Federation : कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता स्वीकृत है। पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में भी 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है । छ0ग0 कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने दो-दो बार सरकार को पत्र लिखा है, नोटिस दी है, किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई, कोई चर्चा भी नहीं की गई ।
Federation : वर्तमान में अभी 24 जुलाई से 29 जुलाई तक सांकेतिक आन्दोलन किया गया । पूरे प्रदेश के समस्त कार्यालय पूर्ण रूप से बंद रहे और सरकारी कार्य बुरी तरह प्रभावित हुआ । संवेदनशील सरकार को कर्मचारियों की मांगों को पूर्ण करने हेतु अग्रसर होना था किन्तु इसके ठीक विपरीत दमनात्मक कार्यवाही करते हुए प्रदेश के कर्मचारियों का 5 दिन का वेतन काटने तथा सर्विस ब्रेक करने का आदेश जारी कर दिया गया !
Federation : प्रदेश के कर्मचारियों/ अधिकारियों में भारी आकोश है और इसलिये सरकारी सेवकों ने दिनांक 22 अगस्त 2022 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है । यदि कर्मचारियों को मांगों को शीघ्र पूर्ण नहीं किया गया तो प्रदेश में एक अप्रिय स्थिति निर्मित होना अवश्यम्भावी है। प्रदेश के साढ़े चार लाख कर्मचारी/अधिकारियों का मार्मिक अनुरोध है कि हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों के अनुरूप समस्त दायित्वों को निर्वहन करते हैं।
सरकार की नीतियों एवं योजनाओं को अमलीजामा पहनाने एवं जमीन पर उतारने का दायित्व सरकारी कर्मचारियों का होता है जिसे हमने पूरी निष्ठा, लगन एवं मेहनत से किया है एवं फलतः छत्तीसगढ़ सरकार की कई योजनाओं के क्रियानवयन को केन्द्र एवं नीति आयोग द्वारा न केवल सराहा गया है अपितु पुरस्कृत भी किया गया है ।
यही कारण है कि छत्तीसगढ़ राज्य को मॉडल राज्य के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। कोरोना काल में तो सरकारी कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य किया है। ऐसी स्थिति में प्रदेश के कर्मचारियों को पुरस्कृत करने की बजाय उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है ।
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आपसे निवेदन है कि आप अपने जनप्रतिनिधि होने का दायित्व एवं अपने प्रभाव का उपयोग करने की कृपा करें ताकि अप्रिय स्थिति को टाला जा सके तथा सरकार और कर्मचारी संगठनों के बीच सामन्जस्य को बरकरार रखा जा सके ।