रेलवे की नाकामी… रेलवे सेकेंड एंट्री बना अघोषित ऑटो ज़ोन…यात्रियों से भरे इलाके में खुलेआम गुंडागर्दी  

:विनोद कुशवाहा:

बिलासपुर: रेलवे स्टेशन की सेकेंड एंट्री अब स्टेशन कम और अघोषित ऑटो स्टैंड ज़्यादा नज़र आ रही है। हालात ये हैं कि न कोई नियम, न कोई जांच और न ही रेलवे प्रशासन की मौजूदगी—नतीजा, पूरे इलाके में ट्रैफिक जाम, अवैध कब्जे और अब खुलेआम गुंडागर्दी शुरू हो चुकी है। गजरा चौक और रनिंग रूम के पास रोज़ाना ऑटो और ई-रिक्शा चालकों का ऐसा कब्जा रहता है कि यहां से पैदल गुजरना भी चुनौती बन गया है।

ठेलों और खोमचों की लाइन में स्टेशन की पूरी सड़क बाजार में तब्दील हो चुकी है। प्रशासन की चुप्पी ने इन कब्जेदारों के हौसले इतने बुलंद कर दिए हैं कि अब वे यात्रियों के साथ बदसलूकी और धमकी देने से भी पीछे नहीं हट रहे।स्थिति तब और बिगड़ गई जब सिरगिट्टी ब्लैक डायमंड इलाके से एक ई-रिक्शा चालक चार यात्रियों को स्टेशन छोड़ने के नाम पर ऑटो में बिठाकर लाया, लेकिन स्टेशन के बजाय उन्हें गजरा चौक पर ही उतार दिया।

यात्रियों ने आपत्ति जताई तो चालक भड़क गया और विवाद मारपीट तक पहुंच गया। पूरे मामले के दौरान न कोई RPF दिखाई दिया और न ही रेलवे का कोई जिम्मेदार अधिकारी। रेलवे पुनर्विकास के नाम पर करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि निर्माण सामग्री सड़क पर ऐसे पड़ी है जैसे कोई जिम्मेदार ही नहीं।

इस अव्यवस्था के बीच अवैध कब्जा लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे यात्री परेशान और सुरक्षा सवालों में घिरी हुई है।स्थानीय लोगों और यात्रियों का सवाल साफ है जब सेकेंड एंट्री के ठीक सामने यह हाल है, तो सुरक्षा और व्यवस्था की जिम्मेदारी कौन लेगा।

अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो गजरा चौक रेलवे स्टेशन का हिस्सा नहीं, बल्कि अवैध बाजार और गुंडागर्दी का ठिकाना घोषित हो जाएगा।

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