हर कदम एक नई जंग है…2 किलोमीटर की सड़क पर जगह-जगह गड्ढे,अब खुद भरवा रहे क्योंकि…


हर दरवाजे से लौटे खाली हाथ

प्रशासन स्तर पर हर संबंधित अधिकारी से मुलाकात करके इकाइयों ने समस्या बताई। लिखित में ज्ञापन भी दिया लेकिन कुछ नहीं हुआ। याद आई जनप्रतिनिधियों की। पक्ष और विपक्ष दोनों के प्रतिनिधियों के सामने समस्या का समाधान करने का आग्रह किया लेकिन यहां से भी निराशा ही हाथ लगी। अंत में मंडी बोर्ड से संपर्क साधा गया। मंजूर कर ली गई मांग लेकिन सरकार बदलते ही ठंडे बस्ते में डाल दी गई यह मंजूरी।


जगह-जगह बेशुमार गड्ढे

लगभग 2 किलोमीटर की सड़क पर जगह-जगह बेशुमार गड्ढे हो चले हैं। जिनमें सूखे दिनों में भी गाड़ियों के फंसने की समस्या आती रही है। फिलहाल बारिश का मौसम है, इसलिए ऐसे दृश्य लगभग रोज सामने आ रहे हैं। मालूम हो कि इस प्रभावित मार्ग पर लगभग 85 खाद्य प्रसंस्करण ईकाइयां स्थापित हैं।


अब खुद भरवा रहे गड्ढे

हर जगह से मिली उपेक्षा को देखते हुए ईकाइयों ने ईकाइयों के सामने के गढ्ढों को मुरूम, बोल्डर और बजरी से भरवाने का काम चालू कर दिया है। बारिश की वजह से काम भले ही धीमी गति से चल रहा है लेकिन दृढ़ निश्चय से किया जा रहा यह काम, एक न एक दिन अवश्य पूरा होगा। ऐसा विश्वास ईकाइयों में बना हुआ है।

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