:दिलीप गुप्ता:
सरायपाली :- नगर के प्राइम लोकेशन में कृषि उपज मंडी की आज करोड़ो रूपये की जमीन है । किंतु मंडी प्रशासन की लापरवाही के चलते आये दिनों लोग अवैध रूप से कब्जा कर व अतिक्रमण कर कच्चे व पक्के मकान निर्माण कर काफी समय से रहने व व्यवसाय कर रहे हैं । जिससे भविष्य में इन अतिक्रमण कारियो को बेदखल करना मुश्किल हो जाएगा । वर्तमान में तो मंडी की अधिकांश जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है । पूर्व मंडी सचिव द्वारा मामला कोर्ट में दे दिया गया थ पर अभी तक उस पर कोई निर्णय नही हो सका है ।

मंडी प्रशासन की लापरवाही के चलते मंडी की जगह को पहले कपड़ा लगाकर घेर दिया जाता है फिर धीरे से अवैध निर्माण कर लिया जाता है । कई अतिक्रमणकारियों ने तो बड़ी बड़ी जगहों को कब्जा कर लिया गया है । अभी वर्षो पूर्व मंडी द्वारा वर्षो पूर्व दुर्गा मंदिर के पास गौ शाला का निर्माण किया गया था ।किंतु उपयोग में नही लाने व देख रेख के अभाव में वह पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था ।
इसके शेड , लोहे व चादर कहाँ है इसकी कोई जानकारी नही है । वही अभी इस जगह को कुछ लोग कुछ स्थानो पर प्लास्टिक से घेर कर दुकान कर रहे हैं जिन्हें बाद में हटाया जाना मुश्किल होगा । इसलिए मंडी प्रशासन को इस पर तत्काल कार्यवाही करनी चाहिए ।
इस संबंध में मंदी सचिव खीरबन सिंह ध्रुव को जानकारी दिए जाने के बाद उन्होंने बताया कि इसे संज्ञान में लेकर आगे की कार्यवाही की जायेगी ।
इस सम्बन्ध में हिन्दू संगठन से जुड़े कुछ संगठन पदाधिकारियों ने बताया कि वे इस संबंध में एसडीएम व मंडी प्रशासन को ज्ञापन सौंप कर शीघ्र ही अतिक्रमण को हटाकर उक्त गौशाला को संगठन को सौंपे जाने की मांग करेगा ।

बजरंगदल व विश्वहिंदू परिषद के मयंक पाणिग्राही , विकास महापात्र , गुड्डू जायसवाल , राजु सहारा तथा राम राज परिवार के मयंक शर्मा , योगेश शर्मा , सुधीर , आशीष आदि ने बताया कि उक्त भूमि मंडी की संपत्ति है वहां मंडी बोर्ड द्वारा गौशाला का निर्माण किया गया था जो अब अतिक्रमण की चपेट में हैं ।
कल एसडीएम व मंडी प्रशासन को ज्ञापन देकर उक्त गौशाला को जब पूरी तरह नष्ट हो चुका है उसे हमे प्रदान किया जाए ताकि हम सड़क व अन्य दुर्घटनाओ में घायल मवेशियों के निशुल्क उपचारबकिये जाने के साथ ही बीमार व असहाय मवेशियों को रखकर उनकी सेवा कर सकेंगे । अधिकारियों से मांग की जायेगी की तत्काल प्रभाव से उक्त गौशाला में ह्यो रहे अतिक्रमणों को खाली कराकर संगठन को उपलब्ध कराया जाये । यदि प्रशासन इसे स्वीकार नही करता है तो आगे के आंदोलन पर विचार किया जायेगा ।