Editor-in-chief सुभाष मिश्र की कलम से – चुनाव और चुम्मा

Editor-in-chief सुभाष मिश्र

-सुभाष मिश्र

अमिताभ बच्चन की फि़ल्म हम में सुदेश भोंसले और कविता कृष्णमूर्ति की आवाज़ में गाया गाना ‘चुम्मा चुम्मा दे दे चुम्माÓ सुपरहिट हुआ और अभी भी पार्टियों की रौनक़ बना हुआ है। अब छत्तीसगढ़ के एकमात्र विधानसभा सीट रायपुर दक्षिण में उपचुनाव हो रहा है। चुनाव में नेताओं की छबि खराब करने के लिए अश्लील वीडियो जारी करने की रवायत छत्तीसगढ़ में पहले से ही रही है। इस बार रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव में चुम्मा की गूंज सुनाई दे रही है। चुनाव कहीं भी हों अब उसमें ऐसे-ऐसे मुद्दे और बातें होती हैं, जिसकी कल्पना सामान्य मतदाता नहीं कर पाता। यदि ये मामले जाति, धर्म से संबंधित हों तो फिर कहने ही क्या है। जाति, धर्म के बीच नफऱत बयानबाज़ी तो अब चुनाव में आमबात है पर चुनाव में चुम्मा का आना कुछ नया है। रायपुर दक्षिण उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुनील सोनी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें सुनील सोनी एक बुजुर्ग मुस्लिम शक्स को चूम रहे हैं। रायपुर दक्षिण में ब्रम्हाण और मुस्लिम मतदाताओं का बाहुल्य है। भाजपा के बहुत से फ़ॉयर ब्रांड नेताओं की मुस्लिमों के साथ नज़दीकी है।
इंग्रिड बर्गमैन ने होठों को छूने की क्रिया की सबसे उल्लेखनीय परिभाषा दी है। उन्होंने कहा है कि चुंबन प्रकृति द्वारा तैयार की गई एक प्यारी चीज है, जो तब बोलने से रोकती है जब शब्द अनावश्यक हो जाते हैं। हालांकि, कुछ विद्वानों ने 4,500 वर्ष से भी अधिक पुराने मिट्टी के तख्तों पर कीलाक्षर लिपि से परामर्श लेकर चुंबन से संबंधित शब्दों में किसी भी अस्पष्टता को दूर करने का प्रयास किया है। साइंस में 18 मई को प्रकाशित एक टिप्पणी लेख में बताया गया है कि किस तरह से चुंबन के पाठ्य संदर्भ समय के साथ और भी पीछे दिखाई दे रहे हैं, जो लेखन के आविष्कार के करीब और करीब आ रहे हैं। चुंबन के पहले प्रलेखित साक्ष्य को अक्सर 1500 ईसा पूर्व में भारत के एक पाठ से आने के रूप में उद्धृत किया जाता है, लेकिन लेख कम से कम 2500 ईसा पूर्व से मेसोपोटामिया और मिस्र में चुंबन के बारे में सबसे पहला प्रमाण सुमेरियन भाषा में है, जिसका कोई आधुनिक भाषा संबंधी रिश्तेदार नहीं है। उसके कुछ समय बाद, हमें अक्कादियन नामक एक प्राचीन सेमिटिक भाषा में लिखे कुछ अंश भी मिले जो आज हिब्रू और अरबी से संबंधित है। 2500 ईसा पूर्व से कहीं पहले हमें ये पौराणिक ग्रंथ लिखे मिलने लगे-देवताओं के बारे में कथाएँ, साथ ही मंत्र भी। इन्हीं कथाओं में हमें संभोग और चुंबन मिलता है, इसलिए यह स्पष्ट रूप से एक यौन चुंबन है। सम्मान, आदर और यहां तक कि क्षमा के लिए चुंबन एक परंपरा है, जिसे कई ईसाई संप्रदायों में शामिल किया गया है। यीशु और संतों की चित्रित छबियों, चिह्नों को चूमना, रूढि़वादी ईसाई धर्म में श्रद्धा का प्राथ ढि़वादी ईसाई धर्म में लोग पादरी का हाथ चूमने की परंपरा है? यह परंपरा से जुड़ी एक प्रथा है जो सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक है। पादरी के हाथ को चूमने की जड़ें बाइबिल में हैं। यह प्रथा प्रारंभिक ईसाई चर्च से जुड़ी है, जहां चुंबन विश्वासियों के बीच एक आम अभिवादन था, जिसका उल्लेख नए नियम में ‘पवित्र चुंबनÓ के रूप में किया गया है। संस्कृति के इस पहलू में सम्मान और भाईचारे का भाव निहित था, जिसने पादरी और आम लोगों के बीच एक ठोस पुजारियों को पवित्र रहस्यों, पवित्र भोज, बपतिस्मा और अन्य संस्कारों को करने के लिए नियुक्त किया जाता है। इसलिए, उनके हाथों को भगवान के काम के लिए समर्पित उपकरण के रूप में देखा जाता है। हाथ चूमने से विश्वासी न केवल पुजारी के व्यक्ति के प्रति सम्मान दिखा रहे हैं। कुलीन वर्ग के बीच हाथ चूमना एक आम प्रथा थी, जिसका इस्तेमाल अक्सर वफादारी दिखाने के लिए किया जाता है। आज ‘शांति के चुंबनÓ अनुष्ठान के दौरान सदस्य आपसी क्षमा के संकेत के रूप में हाथ मिलाते हैं, गले मिलते हैं या गाल पर चुंबन लेते हैं। पैर चूमना एक महत्वपूर्ण ईसाई धार्मिक अनुष्ठान है।
पश्चिमी दुनिया में चुंबन अभिवादन का एक सामान्य संकेत है, और कभी-कभी चुंबन की अपेक्षा की जाती है। सभी संस्कृतियों में लोग पहचान, स्नेह, मित्रता और श्रद्धा के संकेत के रूप में एक-दूसरे को बधाई देते हैं। फ्रांसीसी अभिवादन के लिए सिफऱ् ‘सलूटÓ नहीं कहते, वे हाथ मिलाते हैं या चूमते भी हैं। उनके यहां ‘फेयर ला बिसेÓ यानी चुंबन देना अपने आप में एक कला है। परिवार के सदस्यों, परिचितों और सहकर्मियों का हर दिन चुंबन के साथ स्वागत किया जाता है। हालांकि बॉस आपको चूमेगा नहीं। परिवारों में पुरुष कभी-कभी एक-दूसरे को चूमते हैं। यह युवाओं में आम है। फ्रांस में चुम्बनों की संख्या क्षेत्र पर निर्भर करती है। पेरिस और फ्रांस के उत्तरी भाग में दो बार चुम्बन करते हैं। नॉरमैंडी और ब्रिटनी में चार चुम्बन है और दक्षिण में तीन चुम्बन देते हैं। यहाँ तक कि फ्रांसीसी हमेशा यह नहीं जानते कि कितने चुम्बन हैं। पहली सदी में कई ग्रीक और रोमन समुदायों में लोगों के लिए एक-दूसरे का अभिवादन करने का एक चुंबन सामान्य तरीका था। यहूदी समुदायों में भी प्रचलित रहा। एक उच्च पद के व्यक्तियों को दिया जाने वाला सम्मानपूर्ण चुंबन था, हालांकि इस तरह का चुंबन अक्सर चेहरे पर न होकर हाथों या पैरों पर सम्मान के संकेत के रूप में होता था। चुंबन-अभिवादन के लिए सबसे आम सेटिंग परिवार में प्रतीत होती है। प्राचीन ग्रंथों में माता या पिता द्वारा अपने बच्चों को चूमने का वर्णन है। बहनें अपनी बहनों को, भाई अपने भाइयों को, भाई अपनी बहनों को, साथ ही विस्तारित परिवार में दूसरों को चूमने का वर्णन है। करीबी दोस्तों के बीच, गैर-कामुक चुंबन और आलिंगन भी आम था। ऐसा नहीं लगता कि अजनबी आमतौर पर एक-दूसरे को चुंबन के साथ बधाई देते थे। एक बार राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के बीच चुबंन और आलिंगन को लेकर भी सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर बबाल मचा था।
फिलीपींस में मनो या पगमामानो एक सम्मानपूर्ण इशारा है जो आमतौर पर बुजुर्गों का अभिवादन करते समय किया जाता है। अपने बुजुर्गों के प्रति सम्मान फिलिपिनो के लिए सबसे बड़े मूल मूल्यों में से एक है। यह हाथ चूमने के इशारे जैसा है। किसी बुजुर्ग व्यक्ति का हाथ चूमने के बजाय आप अपने माथे को धीरे से उनके हाथ पर दबाते हैं। फिर प्राप्तकर्ता आपको आशीर्वाद या ज्ञान के शब्द देता है। जीभ बाहर निकालना तिब्बतियों का अभिवादन करने और उनके प्रति सम्मान दिखाने का पारंपरिक तरीका है। यहां अगर सड़क पर कोई स्थानीय व्यक्ति जीभ निकालकर देखता है तो आप भी वैसा ही कर सकते हैं या आप उन्हें ‘ताशी डेलेकÓ कहकर अभिवादन कर सकते हैं, जिसका अर्थ है अच्छे स्वास्थ्य, आशीर्वाद और सौभाग्य की कामना। थाईलैंड में उतरते ही सबसे पहले आपको विज्ञापन दिखाई देंगे जिसमें लोग वाई करते हुए दिखाई देंगे। प्रसिद्ध वाई इशारा थाईलैंड में अभिवादन का एक पारंपरिक तरीका है। थाई लोग बुद्ध की मूर्ति या बौद्ध भिक्षुओं के प्रति श्रद्धा भाव के रूप में वाई करते हैं, और माता-पिता, शिक्षकों, रिश्तेदारों या बुजुर्गों के प्रति सम्मान दिखाने के लिए भी। वाई का मतलब केवल ‘नमस्तेÓ नहीं है, बल्कि आम तौर पर थाई लोग इसे ‘धन्यवादÓ और ‘सॉरीÓ कहने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। न्यूज़ीलैंड में किवी लोगों के बहुमत के लिए अजनबियों के बीच दृढ़तापूर्वक हाथ मिलाना आम अभिवादन संकेत है, लेकिन देश के मूल निवासी माओरी लोग पवित्र होंगी या सांसों के आदान-प्रदान के साथ एक-दूसरे का अभिवादन करते हैं। इसके तहत दो लोग अपनी नाक और माथे को एक दूसरे के खिलाफ दबाते हैं, आंखें बंद करते हैं और एक साथ सांस लेते हैं, सांस के उसी पल और एक साथ होने के महत्व को संजोते हैं।
बहरहाल, रायपुर दक्षिण उपचुनाव का दंगल रोज नया रूप लेता जा रहा है। दक्षिण प्रत्याशी और पूर्व सांसद सुनील सोनी का वीडियो जैसे ही वायरल हुआ विवाद खड़ा हो गया। भाजपा का प्रतिनिधिमंडल शिकायत करवाने सिविल लाइन थाने पहुंचा। भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उन्हें पहले से पता है कि चुनाव हार चुके हैं। ऐसे में इस तरीके के हथकंडे अजमाए जा रही है। कांग्रेस की नियत पहले से ही ठीक नहीं है। सिविल लाइन थाने में शिकायत की गई है और वीडियो की विस्तृत जानकारी और सत्यता की प्रमाणिकता की बात कही गई है। साथ ही साथ चुनाव आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई गई है। एक समाचार पत्र ने सुनील सोनी का किसिंग वाले वीडियो को लेकर फैक्ट चेक किया है तो वीडियो फेक निकला। यह वीडियो को एआई के जरिए फोटो से तैयार किया गया है। हालांकि, इसको लेकर कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो इसमें वह मौलाना भी थे, जो वीडियो में दिख रहे हैं। मौलाना शोएब ने कहा कि सुनील सोनी से पुरानी जान पहचान है। हम हमेशा मिलते रहते हैं। उन्होंने माथा चूमा था और मैंने भी बधाई दी थी। सुनील सोनी एक मुस्लिम बुजुर्ग को किस करते दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसे लेकर राजनीति भी गरमा गई है। वहीं सोशल मीडिया यूजर्स भी तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। मगर यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के जरिए तस्वीर को वीडियो फॉर्मेट में तैयार कर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। ओरिजिनल तस्वीर में सुनील सोनी एक मुस्लिम बुजुर्ग से गले लगे थे। ना कि किस कर रहे थे, लेकिन एआई के जरिए तस्वीर को एनिमेट किया गया और तस्वीर में दिखने वाले लोग किसी वीडियो की तरह मूव करने लगे, इसलिए सुनील सोनी किस करते हुए दिखाई दिए। सुनील सोनी ने चुनाव प्रचार के दौरान रायपुर की एक सब्जी मार्केट में मुस्लिम बुजुर्ग से मुलाकात की थी। तस्वीर में इमोशन दिखे ये सोचकर सुनील सोनी ने बुजुर्ग को गले से लगाया। सुनील सोनी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इसे 2 अप्रैल 2019 को पोस्ट किया था। इसी तस्वीर को ढूंढकर किसी ने फोटो से

किस वाला वीडियो बना दिया। ऐसा किसने किया पुलिस ढूंढ रही है। एआई वेबसाइट में पहले फोटो अपलोड करनी पड़ती है, फिर कमांड देते हुए अंग्रेजी में वह बातें लिखनी होती है, जैसा वीडियो चाहिए। उदाहरण के लिए सुनील सोनी की तस्वीर अपलोड की गई और उसमें लिखा गया कि a man with flowers on the neck kisses another one । इसके बाद जनरेट वीडियो के ऑप्शन पर क्लिक करते ही कुछ सेकेंड में वीडियो बन जाता है। सुनील सोनी की तस्वीर के साथ प्रयोग जब  vidu.studio नामक वेबसाइट पर करके देखा गया तो वैसा ही वीडियो जनरेट हो गया जो वायरल हो रहा है।

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