-सुभाष मिश्र
0 क्या होंगी नए सीएम विष्णु देव की पहली प्राथमिकताएं
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में तीन हिन्दी भाषी राज्यों में भाजपा ने अपनी जीत का परचम फहराकर अपनी सरकार बना ली है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के साथ शपथ ग्रहण भी हो गया है, अब राजस्थान की बारी है। डबल इंजन की सरकार किस गति से काम करती है, अब यह लोग देखना चाहते हैं। जिस रेवड़ी कल्चर को पानी पी-पीकर भाजपा कोसती थी वह रेवड़ी कल्चर इस चुनाव में जनकल्याणकारी योजनाओं होकर घोषणा-पत्र के रूप में सामने आया। भाजपा ने इसे मोदी गारंटी का नाम दिया और यह भी विश्वास दिलाया कि यह पीएम मोदी की गारंटी है, वह पूरी होगी। शपथ ग्रहण के बाद छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बकायदा नया रायपुर जाकर मंत्रालय में पूजा-अर्चना की और अपने दो उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा के साथ पदभार भी ग्रहण कर लिया। अब आज कैबिनेट की बैठक है जिसमें ये तीनों लोग कैबिनेट की ओर से निर्णय लेंगे। विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले ही यह बता दिया था कि मेरी अपनी सरकार की प्राथमिकता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को पूरा करने की है। पीएम आवास योजना के हितग्राहियों के लिए 18 लाख आवास स्वीकृत करना नई छत्तीसगढ़ सरकार का पहला कार्य होगा। मैं पूरी ईमानदारी से सबके विश्वास के लिए काम करूंगा और छत्तीसगढ़ की जनता से किए गए वादे पूरे करूंगा। उनकी सरकार गांव, गरीब और किसान पर पूरा ध्यान देगी। विष्णुदेव साय ने कहा था कि सीएम का पद काफी चुनौती भरा है। ये चुनौती छत्तीसगढ़ में और भी ज्यादा है। ऐसे में प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ की जनता से जो वादे किए थे, तमाम चुनौतियों के बाद भी सभी वादों को पूरा करेंगे।
भाजपा के घोषणा पत्र के अनुसार जिन कामों को पूरा किया जाना है उसमें 25 दिसंबर को छत्तीसगढ़ राज्य के संस्थापक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर दो साल का धान खरीदी का बोनस भी दिया जाना है। ये पिछली भाजपा सरकार (2013-2018) के दौरान लंबित था। दूसरा बड़ा काम है पीएम आवास योजना के हितग्राहियों के लिए 18 लाख आवास स्वीकृत करना।
विष्णुदेव साय को विश्वास है कि डबल इंजन की सरकार के जरिये जनता को किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। हर चुनौती का मिलकर समाधान करेंगे। उन्होंने कहा है कि कैबिनेट की बैठक में घोषणा-पत्र की प्राथमिकताओं को तय किया जायेगा। विष्णुदेव साय ने जनता का आभार जताते हुए कहा कि शपथ ग्रहण के बाद पहला दिन है, इसे लेकर सभी मंत्रालय आये हुए थे। अब कैबिनेट की बैठक होगी, जिसमें विस्तार से चर्चा होगी। ये पूछे जाने पर कि सरकार की प्राथमिकताएं क्या होगी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट की बैठक में प्राथमिकताएं तय की जाएंगी।
छत्तीसगढ़ में चुनाव के दौरान भाजपा ने जनता से कई वादे किए हैं। इनमें महतारी वंदन योजना के अंतर्गत हर विवाहित महिला को हर साल 12 हजार रुपए दिया जाना है, जिसमें हर महीने एक हजार रुपए महिलाओं को मिलेंगे। भाजपा ने चुनाव के दौरान ही 53 लाख महिलाओं से नारी वंदन योजना का फार्म भरवाकर उन्हें फोन कर यह भी आश्वस्त किया था कि हमारी सरकार बनने के बाद पैसे मिलने लगेंगे। अब सभी महिलाएं एक-एक हजार की बाट बेसब्री से जोह रही हैं। गरीबों के आवास नहीं बनाने को लेकर भूपेश सरकार को पानी पी-पीकर कोसने वाले भाजपा सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती उन 18 लाख हितग्राहियों को पीएम आवास योजना का घर देने की है, जो बेघर हंै। इसके अलावा सरकार के सामने किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदी का दबाव भी है। किसानों ने चुनाव के परिणाम तक मंडियों में धान बेचना लगभग बंद कर दिया था। अब मंडियों में धान की आवक बढ़ रही है। इसके अलावा घोषणा पत्र में वायदो के अनुसार तेंदूपत्ता 5500 रुपए प्रति मानक बोरा में खरीदी, अतिरिक्त संग्रह करने वाले को 4500 रुपए बोनस, आयुष्मान भारत योजना इसके साथ 10 लाख रुपए तक हेल्थ बीमा दिया जाएगा। इसके साथ 500 नए जन औषधि केंद्र खोलेंगे, जिनमें सस्ती दवाई मिलेगी। पीएससी में घोटाला नहीं होगा और जिन्होंने घोटाला किया, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली की एनसीआर की दर्ज पर एचसीआर बनाया जाएगा, इसमें रायपुर-दुर्ग-भिलाई शामिल होंगे। गैस कनेक्शन 500 रुपए में दिया जाएगा, कॉलेज स्टूडेंट को बस की सुविधा दी जाएगी, एम्स की तर्ज पर हर संभाग में सिम्स बनाया जाएगा। छत्तीसगढ़ के 5 शक्तिपीठों को विकसित किया जाएगा। अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है, छत्तीसगढ़ के गरीब लोगों को रामलला के दर्शन कराए जाएंगे।
इसी तरह यदि हम मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव सरकार की बात करें तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती मंत्रिमंडल बनाने की है। उसके साथ ही पार्टी ने संकल्प पत्र के जरिए जो वायदे किए हैं उन्हें भी पूरा करना है। भाजपा के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जो कि लाडली बहनों के भाई और लड़कियों के लिए मामा थे। उन्होंने चुनाव से पहले ताबड़तोड़ घोषणा की थी। वह भी भाजपा सरकार के लिए चुनौती है। चुनाव के दौरान जो प्रमुख वायदे किए गए हंै उनमें गेहूं का समर्थन मूल्य 2,700 रुपये, धान का समर्थन मूल्य 3,100 रुपये, दिव्यांग-बुजुर्गों को 1,500 मासिक पेंशन, तेंदूपत्ता भुगतान 4,000 प्रति बोरा,
गरीब बच्चों को 12वीं तक मुफ्त शिक्षा, प्रत्येक परिवार में 1 को रोजगार या स्वरोजगार, अटल ज्योति योजना में 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली, 15 हजार की वित्तीय सहायता, 500 का दैनिक भुगतान कारीगरों, आयुष्मान कार्ड से असंगठित क्षेत्र को लोगों को 5 लाख तक मुफ्त इलाज, 15 लाख महिलाओं को लखपति योजना में कौशल प्रशिक्षण, लाड़ली लक्ष्मी बेटियों को दो लाख रुपये मिलेंगे, उज्जवला व लाड़ली बहना योजना में 450 रुपये में गैस सिलेंडर, 89 आदिवासी विकास खंडों में एकलव्य स्कूल खुलेंगे, 3800 शिक्षकों की भर्ती होगी, 12 हजार रुपये किसान सम्मान निधि के जारी रहेंगे, 6 नए एक्सप्रेस-वे, 2 नए एयरपोर्ट, 80 रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण, 13 धार्मिक व सांस्कृतिक लोकों का निर्माण, 100 करोड़ का बजट जनजातीय श्रद्धा, पूजा स्थलों के विकास के लिए, अगले 5 साल में 3 लाख करोड़ आदिवासियों के सशक्तिकरण के लिए, 2 लाख युवाओं का पर्यटन क्षेत्र में रोजगार, स्वरोजगार के अवसर होंगे।
सरकार कोई भी हो उसे अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वायदों को पूरा करना होता है। यदि वह अपने वायदों को पूरा नहीं करती है तो चुनाव के दौरान मतदाताओं को जवाब देना होता है। अब चूंकि यह सेमीफाइनल था और चार माह बाद फाइनल होना है, ऐसे में मोदी की गारंटी को पूरा करना ही होगा। अब विपक्ष पर आरोप लगाने से कुछ नहीं होगा। डबल इंजन की सरकारों को बताना ही होगा विपक्ष की सरकारों से हम हर मामलों में बेहतर हंै। भाजपा ने अपने माइक्रो मैनेजमेंट और दूरदृष्टि, मजबूत संगठन के चलते अपने ही पार्टी के बड़े-बड़े छत्रपों को धराशायी कर किनारे बैठा दिया है और इंडिया गठबंधन की जाति जनगणना की काट अलग-अलग जातियों के उपमुख्यमंत्री बनाकर खोज लिया है, पर जनता सरकार से अपने वायदों को पूरा करने की उम्मीद रखती है, यही सबसे बड़ी चुनौती है।