:राजेश राज गुप्ता:
बैकुंठपुर। इस वर्ष का दुर्गा उत्सव शुक्रवार को धूमधाम से संपन्न हो गया।
दस दिवसीय आस्था और भक्ति के इस महापर्व का समापन माता रानी की
भव्य विसर्जन यात्रा के साथ हुआ, जिसके बाद प्रतिमा को समीप के
झुमका बांध में विधि-विधान के साथ विसर्जित किया गया।
शुक्रवार को बैकुंठपुर बाजार में माता रानी को विदाई देने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। विसर्जन के पूर्व माता रानी को पालकी में विराजित कर पूरे नगर में घुमाया गया। जिसमें नगाड़े की धुन पर भक्तगण जमकर नाच। जय माता दी के जयकारों से पूरा नगर भक्तिमय हो उठा।

दुर्गा उत्सव समिति के अध्यक्ष ने इस अवसर पर जानकारी देते हुए बताया कि यह वर्ष बैकुंठपुर बाजार के भक्तों के लिए बेहद खास रहा। उन्होंने बताया, “उत्सव के प्रथम दिन से लेकर नवमीं तिथि तक बाजार पर स्थित दुर्गा पंडाल में प्रतिदिन विशाल भंडारे का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस भंडारे में स्थानीय निवासियों सहित आसपास के क्षेत्रों से आए हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया, जिससे उत्सव का माहौल और भी दिव्य हो गया था।”
नम आंखों से भक्तों ने मांगी क्षमा याचना
माता रानी की विसर्जन यात्रा देर शाम झुमका बांध पहुंची। इस दौरान वातावरण अत्यंत भावुक हो गया। भक्तों ने नम आँखों से माता को अंतिम प्रणाम किया।
मान्यतानुसार, विदाई के क्षणों में, भक्तों ने माता रानी से कान पकड़ कर क्षमा याचना की। यह क्षमा याचना उत्सव के दौरान जाने-अनजाने में हुई किसी भी भूल या त्रुटि के लिए की गई, और भक्तों ने अगले वर्ष माता रानी के पुनः आगमन की प्रार्थना की। विधि-विधान से पूजा अर्चना के बाद, माता रानी की प्रतिमा को पूर्ण श्रद्धा के साथ झुमका बांध के जल में विसर्जित कर दिया गया।