:अमित वाखरिया:
गरियाबंद। मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान 2025 के अंतर्गत विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार हेतु सामाजिक अंकेक्षण पर एकदिवसीय प्रशिक्षण 18 अगस्त को हुआ।
यह प्रशिक्षण समग्र शिक्षा जिला गरियाबंद के तत्वाधान में जिला शिक्षा अधिकारी जगजीत सिंह धीर एवं जिला मिशन समन्वयक शिवेश शुक्ला के निर्देशन व मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण का संचालन व क्रियान्वयन एपीसी मनोज केला एवं एपीसी विल्सन पी थामस के नेतृत्व में जिले के छह मास्टर ट्रेनर द्वारा संपन्न हुआ जिसमें PMU टीम का विशेष सहयोग रहा।

हाई स्कूल मास्टर ट्रेनर व्याख्याता समीक्षा गायकवाड़ ने जानकारी देते हुए बताया प्रशिक्षण में जिले के 151 संकुल प्राचार्यों (प्राचार्य/प्र.प्राचार्य/वरिष्ठ व्याख्याता) को हाई/हायर सेकेण्डरी, माध्यमिक एवं प्राथमिक स्तर पर रुब्रिक्स में दिए गए 20 प्रश्नों पर विस्तार से चर्चा कर जानकारी दी गई। साथ ही यह भी बताया गया कि सामाजिक अंकेक्षण के दौरान और किन प्रश्नों को शामिल किया जा सकता है।
कार्यक्रम का आयोजन पी.एम. श्री स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय में किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती माता के पूजन व दीप प्रज्जवलन से की गई। इसके बाद मास्टर ट्रेनर लोकेश्वर सोनवानी, संकुल समन्वयक ने प्रशिक्षण की रूपरेखा पर चर्चा की।
प्राथमिक, मीडिल और हाई/हायर स्तर के दो-दो मास्टर ट्रेनर शिक्षक पुनेश्वर साहू, नीलेश शर्मा, सरिता सहारे, व्याख्याता सतीश मालवीय सहित सम्मिलित रूप से पांच विकासखण्ड के संकुल प्राचार्यों को अंकेक्षण संबंधी प्रशिक्षण दिया।
मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत सामाजिक अंकेक्षण के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, शिक्षण प्रक्रिया, विद्यार्थियों की उपलब्धियाँ, आधारभूत सुविधाएँ और शिक्षक उपस्थिति जैसे संकेतकों के आधार पर ग्रेडिंग की जाएगी।
यह पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की नई मिसाल होगी। जो विद्यालय अपेक्षित गुणवत्ता तक नहीं पहुँच पा रहे हैं, उनकी नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाएगी। यह कार्य न केवल शिक्षा विभाग द्वारा, बल्कि अन्य विभागों के अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता से किया जाएगा,
जिससे सामुदायिक निगरानी को बल मिलेगा। इस अभियान से एक ओर जहाँ कमजोर विद्यालयों को चिन्हित किया जाएगा, वहीं दूसरी ओर मॉडल विद्यालयों का चयन कर भी किया जाएगा।

मास्टर ट्रेनर ने स्पष्ट किया कि सामाजिक अंकेक्षण के लिए आकलन तीन मुख्य क्षेत्रों – बालक, शिक्षक और विद्यालय को ध्यान में रखकर किया जाएगा। यह आकलन एससीईआरटी, डीपीआई एवं समग्र शिक्षा द्वारा निर्धारित बिंदुओं पर आधारित है।
प्राप्त आँकड़ों से विद्यालय और ज़िले को ग्रेडिंग दी जाएगी। इस प्रशिक्षण के माध्यम से सभी संकुल प्राचार्यों को सामाजिक अंकेक्षण की रूपरेखा और प्रक्रिया की गहन जानकारी प्राप्त हुई, जिससे आने वाले समय में विद्यालयों की शिक्षा गुणवत्ता में सकारात्मक सुधार की उम्मीद है।