dirt in the forest: ये कैसी कार्रवाई…अतिक्रमण तो हटाया.. पर जंगल में फैला दी गंदगी

:राजेश राज गुप्ता:

कोरिया:  वन मंडल के देवगढ़ वन परिक्षेत्र अंतर्गत ओदारी बीट में वन विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तेज़ी से जारी है। इस अभियान में बड़ी संख्या में फॉरेस्ट गार्ड और अधिकारी दिनभर ड्यूटी पर तैनात हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश, इस कार्रवाई के दौरान ही वन की पवित्रता को नुकसान पहुँचाया गया है।

अधिकारी औऱ सिपाहियों के लिए भोजन की व्यवस्था वीआईपी खाना कहकर की गई, जिसे प्लास्टिक की थालियों और बोतलों में पानी पैक जंगल में ही वितरित किया गया। भोजन उपरांत ये सभी प्लास्टिक सामग्री जंगल में ही फेंक दी गई जो अब लगभग सौ मीटर के दायरे में फैल चुकी है।

यह कचरा अब न केवल वन्य जीवों के लिए खतरा बन चुका है, बल्कि जंगल की मिट्टी, जल स्रोत और जैव विविधता को भी प्रभावित कर सकता है। यह एक विडंबना है कि वन संरक्षण के प्रयास के बीच ही, प्रदूषण का नया खतरा उत्पन्न हो गया है।

 

वन्य जीवों के लिए खतरा

जानवर प्लास्टिक को खाना समझकर निगल लेते हैं, जिससे उनकी मौत हो सकती है या पाचन तंत्र खराब हो सकता है। प्लास्टिक के टुकड़े गला घोंट सकते हैं या आंतों में फंस सकते हैं।
मिट्टी और पानी को प्रदूषित करना
प्लास्टिक बहुत सालों तक नहीं गलता, यह मिट्टी की उर्वरता कम करता है। बारिश के पानी के साथ रसायन ज़मीन में मिल जाते हैं जिससे जल स्रोत भी प्रदूषित हो जाते हैं।

आग लगने का खतरा
कुछ प्लास्टिक और थर्मोकोल आग पकड़ सकते हैं, जिससे जंगलों में वनाग्नि का खतरा बढ़ जाता है।

बीमारियाँ फैलने की आशंका
गंदगी से मच्छर, मक्खियाँ और अन्य कीट पनपते हैं, जो इंसानों और जानवरों में बीमारी फैला सकते हैं।

प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता को नुकसान
जंगल की सुंदरता और स्वाभाविक जीवन चक्र प्रदूषण से बिगड़ता है। इससे पौधे कीट-पतंगे पक्षी और अन्य जीवों की संख्या में कमी आने लगती है।