धान खरीदी कार्य में बाधा पहुंचाने पर समिति प्रबंधकों के खिलाफ FIR की मांग…सहायक आयुक्त ने SP को लिखा पत्र

प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य शासन द्वारा धान खरीदी कार्य को छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण एवं विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 के अंतर्गत अत्यावश्यक सेवा घोषित किया गया है। इसके बावजूद जिले के आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों के समिति प्रबंधकों ने 15 नवम्बर 2025 से प्रारंभ धान खरीदी कार्य में जानबूझकर अनुपस्थित रहकर कार्य में बाधा उत्पन्न की है। आरोप है कि इन प्रबंधकों ने स्वयं ड्यूटी नहीं की और अन्य कर्मचारियों को भी ड्यूटी में उपस्थित होने से रोका।

सहायक आयुक्त सहकारिता आयुष प्रताप सिंह द्वारा प्रस्तुत आवेदन में उल्लेख है कि इस तरह का व्यवहार शासन के आदेशों का गंभीर उल्लंघन है तथा धान खरीदी जैसी राज्यव्यापी महत्वपूर्ण प्रक्रिया को प्रभावित करता है। आवेदन में शासन के गृह विभाग के 14 नवम्बर 2025 के आदेश का भी हवाला दिया गया है, जिसमें धान खरीदी अवधि के दौरान सभी जिम्मेदार कर्मचारियों को हर स्थिति में कार्य पर उपस्थित रहना अनिवार्य किया गया है।

एफआईआर के लिए भेजी गई सूची में सलबा समिति के प्रबंधक बालाजी रेड्डी, झरनापारा समिति के राम यादव, बैमा समिति के अमरनाथ साहू तथा चिरमी समिति के संजय सिंह के नाम शामिल हैं।

इस मामले में पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। सहकारिता विभाग ने स्पष्ट किया है कि धान खरीदी जैसे सार्वजनिक हित के महत्वपूर्ण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही या बाधा को गंभीरता से लिया जाएगा।

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