नई दिल्ली | दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े की याचिका पर बुधवार को रेड चिलीज एंटरटेनमेंट और अन्य पक्षों को नोटिस जारी किया है। अदालत ने सभी प्रतिवादियों को 7 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही याचिकाकर्ता को निर्देश दिया गया है कि वह याचिका की एक प्रति सभी पक्षों को उपलब्ध कराए। इस मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को तय की गई है।
क्या कहा वानखेड़े ने
समीर वानखेड़े ने अदालत को बताया कि विवादित वेब सीरीज के कारण उन्हें, उनकी पत्नी और बहन को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि “पहली नजर में ये पोस्ट मानहानिकारक हैं और यह बेहद चौंकाने वाला है।”
अदालत ने इस पर कहा कि, “हम मानते हैं कि आपके पक्ष में अदालत का रुख करने का कारण है, लेकिन आपको निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा।”
वानखेड़े की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील
इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी समीर वानखेड़े की ओर से पेश हुए। उन्होंने बताया कि याचिका में संशोधन के लिए भी आवेदन दाखिल किया गया है और यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आता है।
वानखेड़े ने प्रोडक्शन हाउस और अन्य पक्षों के खिलाफ स्थायी और अनिवार्य निषेधाज्ञा (Permanent and Mandatory Injunction) की मांग की है। साथ ही उन्होंने ₹2 करोड़ रुपये के हर्जाने की भी मांग की है, जिसे वे टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल को दान करने की बात कह चुके हैं।
क्या है पूरा मामला
हाल ही में रिलीज हुई वेब सीरीज ‘द बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ चर्चा में है। कहा जा रहा है कि इसमें दिखाया गया एक अधिकारी समीर वानखेड़े जैसा दिखता है, जो शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान ड्रग्स केस की याद दिलाता है। इस पर वानखेड़े ने आरोप लगाया कि रेड चिलीज एंटरटेनमेंट (शाहरुख खान की कंपनी) और नेटफ्लिक्स ने इस सीरीज के जरिए उनकी छवि धूमिल की है और व्यक्तिगत अपमान किया है।
समीर वानखेड़े ने इस संबंध में मानहानि का मुकदमा दायर किया है, जिस पर अब दिल्ली हाईकोर्ट ने रेड चिलीज एंटरटेनमेंट और अन्य प्रतिवादियों से जवाब मांगा है