Delhi Blast Case: दोषी आतंकी डॉ. उमर का घर ध्वस्त… ग्रामीणों ने किए चौंकाने वाले खुलासे

“गांव में था लेकिन गांव का नहीं था” — स्थानीय लोग

कोइल के छोटे बाजार में एक किराना दुकानदार मोहम्मद शफी ने बताया कि वह उमर को बचपन से देखता आया है, लेकिन उमर को कभी बाजार में घूमते नहीं देखा
शफी के अनुसार —

  • उमर बेहद गुमसुम रहता था
  • जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलता
  • पांचों वक्त की नमाज घर पर ही पढ़ता
  • लोगों से बहुत कम बातचीत करता था

दिल्ली ब्लास्ट में उमर की संलिप्तता की खबर पर शफी बोले —
“मीडिया में जब यह सुना तो हमारे पैरों तले जमीन खिसक गई।”

गांव में लगभग कोई नहीं जानता था उसे

गांव के एक अन्य निवासी बशीर अहमद ने बताया कि कोइल गांव की करीब एक लाख आबादी में सिर्फ 1500 लोग ही उमर को पहचानते थे।
उन्होंने कहा —
“उमर तो इन 1500 को भी नहीं जानता था।”

घर ढहने के बाद गांव में सन्नाटा

उमर के घर को ध्वस्त किए जाने के बाद इलाके में कड़ी सुरक्षा और गांव में भय का माहौल देखा गया। लोग उसके बारे में बात करने से भी बच रहे थे। ग्रामीणों का कहना है कि उमर की गतिविधियां हमेशा से संदेह पैदा करती थीं, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि वह आतंकी वारदात का मास्टरमाइंड हो सकता है।

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