Dantewada 12 December 2022 : मोरक्को के वैश्विक शिखर सम्मेलन में गूंजी बापी की कहानी

Dantewada 12 December 2022 : मोरक्को के वैश्विक शिखर सम्मेलन में गूंजी बापी की कहानी

Dantewada 12 December 2022 : मोरक्को के वैश्विक शिखर सम्मेलन में गूंजी बापी की कहानी

अपने अमूल्य अनुभवों से बदल रही दन्तेवाड़ा की तस्वीर
महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण में अहम बदलाव

Dantewada 12 December 2022 : दिसंबर के इस प्रथम सप्ताह 5 से 9 दिसंबर में मोरक्को के माराकेच में आयोजित सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन संचार के अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में छत्तीसगढ़ की अभिनव

Pathaan Besharam Rang Song : बिकिनी में दीपिका पादुकोण ने दिखाया अपना ‘बेशर्म रंग’…शाहरुख खान की भी नहीं हटी नजरें

Dantewada 12 December 2022 : पहलों का प्रदर्शन किया गया। दंतेवाड़ा जिले का ’बापी ना उवाट’ कार्यक्रम अपने अभिनव पहल के रूप में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यवहार परिवर्तन के क्षेत्र में वाहवाही बटोर रहा है। इस कार्यक्रम में स्वयंसेवक के रूप

में अपने कार्य का लोहा मनवाने वाली दादियाँ, जिन्हें स्थानीय गोंडी बोली में बापी कहा जाता है, माताओं और परिवार के सदस्यों को बच्चों की देखभाल, भोजन, स्तनपान, स्वास्थ्य और पोषण पर सुझाव देते हुए

https://fb.watch/hlbl6KFLzX/

प्रेरित करती हैं। जिले की 143 ग्राम पंचायतों में से प्रत्येक में एक बापी है। बापियों को ग्राम-स्तर के स्वयंसेवकों, सतरंगी नायक और नायिका का सहयोग मिलता है। छत्तीसगढ़ के इस मॉडल को सामाजिक

व्यवहार परिवर्तन (एसबीसी) के यूनिसेफ प्रमुख सिद्धार्थ श्रेष्ठ और एसबीसी विशेषज्ञ श्री अभिषेक सिंह द्वारा प्रमुखता से बताया गया।

दन्तेवाड़ा जिले की अभिनव पहल, बापी न उवाट जिला प्रशासन एवं यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से जिले में कुपोषण की दर में कमी लाने तथा स्वास्थ्य व्यवहारों को अपनाने 10 दिसंबर 2020 को बापी न

उवाट कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। दादी या नानी को दंतेवाड़ा जिले के गोंडी बोली में बापी कहा जाता है। जिले की 200 बापी ग्राम पंचायतों में समुदाय के बीच में रहकर समुदाय को स्वस्थ व्यवहारों को

अपनाने प्रेरित कर रही है। बापी के साथ साथ अब युवा भी सतरंगी नायक एवं नायिका के रूप में समुदाय को जागरूक करने आगे आ रहे है। ऐसे में बापी समुदाय स्तर पर देवगुड़ी में सतरंगी सभा, ग्राम सभा,

महिला सभा, युवा सभा के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, स्वच्छता को प्राथमिकता देते हुए विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से व्यवहारों को अपनाने प्रेरित कर रही है। किसी ने सोचा नही था दंतेवाड़ा जैसे

अतिसंवेदनशील एवं दुरांचल क्षेत्र में बुजुर्ग महिलाएं बापी की भूमिका अदा करते हुए, दंतेवाड़ा में सफलता की कहानी गढ़ेंगे और वो सात समंदर पार मोरक्को में गूंजी।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU