रायपुर | मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस के दौरान कोरबा जिले के प्रदर्शन की विशेष सराहना की गई। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कोरबा प्रशासन की तारीफ करते हुए कहा कि “कोरबा जिले ने इस योजना में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है, जिसे अन्य जिलों के लिए आदर्श मॉडल माना जा सकता है।”

गौरतलब है कि कुछ समय पहले पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने कोरबा कलेक्टर के कार्यों पर सवाल उठाते हुए सरकार से उन्हें हटाने की मांग की थी, लेकिन इस कॉन्फ्रेंस में सरकार ने कलेक्टर अजीत वसंत के कार्य की पीठ थपथपाई है।

कलेक्टर अजीत वसंत ने बताया कि जिले में विशेष पिछड़ी जनजातियों (बैगा और कोरवा) के बीच प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना को प्राथमिकता से लागू किया जा रहा है। योजना की प्रगति डीएमएफ (जिला खनिज फाउंडेशन) के सहयोग से सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि पीएम जनमन योजना के तहत बन रहे 700 घरों में सूर्य घर योजना का लाभ दिया जा रहा है। इसमें कुल 60 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी — जिसमें 45 हजार रुपए केंद्र सरकार की सब्सिडी और 15 हजार रुपए डीएमएफ से प्राप्त राशि शामिल है।
मुख्यमंत्री साय ने सभी कलेक्टरों से कहा कि —
“प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का लाभ अधिक से अधिक पात्र परिवारों तक पहुँचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
उन्होंने ग्रामीण हितग्राहियों के लिए बैंक फाइनेंस प्रक्रिया को सरल बनाने के भी निर्देश दिए।

धान खरीदी पर सख्त रुख
कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी जिले में गड़बड़ी या अनियमितता मिलने पर संबंधित कलेक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने जांजगीर जिले में किसानों के कम पंजीयन पर नाराजगी जताई और जल्द पंजीयन पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि धान खरीदी प्रक्रिया पारदर्शी, सुगम और किसानों के अनुकूल होनी चाहिए ताकि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

पीएम किसान सम्मान निधि में 100% पंजीयन के निर्देश
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की समीक्षा करते हुए सभी जिलों को एक माह के भीतर 100 प्रतिशत पंजीयन पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि —
“कोई भी पात्र किसान योजना से वंचित नहीं रहना चाहिए। विशेष पिछड़ी जनजातियों के किसानों के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जाए।”
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट चेतावनी दी कि निर्धारित समय सीमा में कार्य पूरा न करने पर जवाबदेही तय की जाएगी।