Chhattisgarh news paper : आशा ही बन जाता है दुख और निराशा का कारण
Chhattisgarh news paper : सक्ती ! नगर के खरकिया परिवार के द्वारा गुरुद्वारा के बगल में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन वेदव्यास से कथावाचक डॉ संजय कृष्ण सलिल ने कहा कि आशा ही दुख और निराशा का कारण बन जाता है l
दक्ष प्रजापति की पुत्री सती के मन में बड़ी आशा थी कि अपने मायके में होने वाले यज्ञ में अर्थात पिता के घर में मेरा बहुत सम्मान होगा , किंतु दक्ष के मन में भगवान शिव के लिए विरोधाभास होने के कारण सती का सम्मान नहीं हो सका जिसके कारण सती अग्नि कुंड में कूद गई ।
अपने प्राण त्याग ने पड़े । नीति की बात भी यही है कि कहीं जाने पर यदि मन में हर्ष और सम्मान के भाव नहीं दिखते तो ऐसे स्थान पर कभी भी नहीं जाना चाहिए भले ही वहां स्वर्ण की वर्षा क्यों ना होती हो, कथा वाचक ने श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस व्यासपीठ से कथावाचक डॉक्टर संजय कृष्ण सलिल ने राजा दक्ष के यज्ञ भक्त प्रहलाद एवं नर्सिंग वध का वर्णन करते हुए प्रकट कर भक्तों को कथा का विस्तार पूर्वक कथा वाचन कर आचार्य ने श्रोताओं को बताया कि संसार मे किसी भी यज्ञ का उद्देश्य विश्व कल्याण ही होता है भले ही संकल्प किसी एक व्यक्ति का ही क्यों ना हो ।
Chhattisgarh news paper : यज्ञ और सनातन धर्म ही भगवान विष्णु का बल है, जिसे शत्रु भाव के कारण हिरण्यकश्यप नष्ट करना चाहता था , किंतु अपने अहंकार के कारण ही भगवान ने भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया और भक्त प्रहलाद की रक्षा की जो मानव भगवान के भक्ति में डूब जाता है !
उसकी नैया भगवान इसी तरह बचाते हैं और हमेशा अपने भक्तों की किसी न किसी रूप में अवतार लेकर उनकी रक्षा करते हैं आचार्य ने कहा कि यज्ञ में कलश यात्रा करते हुए कलश को अपने सिर पर धारण करना सनातन धर्म को ही धारण करना है सनातन धर्म को दर्शाता है जो मानव भगवान भक्ति में रहता है बांके बिहारी उसकी हमेशा रक्षा करता है इसलिए हमारे गृहस्थ जीवन के सभी निर्णय भी धर्म पर ही आधारित होना चाहिए ।
Chhattisgarh news paper : आचार्य द्वारा कपिल अवतार की कथा का विस्तार से वर्णन करते हुए बताया गया कि भगवान कपिल देव ने अपनी माता देवहूति को तत्व ज्ञान का उपदेश एवं सत्संग की महिमा को बताया और कहा कि संसार में मैं और मेरा यही दोनों मोह के कारण हैं जब तक मनुष्य का मन इस संसार में फंसा रहता है !
तब तक वह संसार से बंधते जाता है और जिस दिन यही मन भगवान में अनुरक्त होता है तो उसके लिए मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं , इसलिए भगवान के प्रति आस्थावान बने रहे मन को भगवान पर ही लगाएं । भागवत में केवल भगवान की ही नहीं बल्कि उनके प्रिय भक्तों की भी कथा है !
Chhattisgarh news hindi today भगवान श्री कृष्ण जन्म की कथा का विस्तार से किया वर्णन
Chhattisgarh news paper : जिसे श्रवण कर हम अपने जीवन की व्यथा दूर कर सकते हैं तृतीय दिवस की कथा का आनंद लेने नगर एवं आसपास के ग्राम के अनेक श्रोताओं को प्राप्त हुआ । प्रतिदिन मधुर संगीत के साथ संकीर्तन एवं दिव्य झांकियों का दर्शन लाभ सभी श्रोता लेते हुए पुण्य का लाभ प्राप्त कर रहे हैं