Chhattisgarh दगड़ी को लगी ठंड, 3450 रुपए पर स्थिर

Chhattisgarh

राजकुमार मल

Chhattisgarh ब्रांडेड कंपनियों से अपेक्षित मांग नहीं

Chhattisgarh भाटापारा– तेजी के लंबे दौर के बाद, अब दगड़ी में अपेक्षित मांग का फिर से इंतजार है। हल्की मंदी के घेरे में आ चुकी दगड़ी में फिलहाल स्थिरता के संकेत मिल रहे हैं क्योंकि मल्टीनेशनल कंपनियों की मांग लगभग पूर्णता की ओर है।

Chhattisgarh पोहा के बाद अब छत्तीसगढ़ की दगड़ी, मिक्चर बनाने वाली मल्टीनेशनल यूनिटों में धूम मचा रही है। भाटापारा, रायपुर, बिलासपुर, बालोद और राजनांदगांव में दर्जनों की संख्या में चल रही दगड़ी बनाने वाली यूनिटों में कामकाज अब ढीला होता नजर आ रहा है। सीजन की तैयारी में लगीं यह यूनिटें अब उच्च गुणवत्ता वाली महामाया धान की खोज में है, जिसकी आवक कृषि उपज मंडियों में तेजी से कम हो रही है।

जानिए दगड़ी को

Chhattisgarh उच्च गुणवत्ता वाले महामाया धान की जरूरत होती है दगड़ी बनाने के लिए। कुशल कारीगरों के हाथों कड़ी निगरानी के बीच बनने वाली दगड़ी से चिवड़ा बनाया जाता है। उत्पादन के हर कदम पर क्वालिटी, पहली और आखिरी शर्त है। इसलिए अपने प्रदेश की चुनिंदा इकाईयां ही इसका उत्पादन करतीं हैं। खरीदी में भी सतर्कता बरतते हैं खरीददार।

इसलिए खरीदी कमजोर

Chhattisgarh पैक्ड मिक्चर बनाने वाली महाराष्ट्र की कंपनियां फिलहाल छत्तीसगढ़ की दगड़ी की सबसे बड़ी खरीददार हैं। महामारी के दौर से उबर चुकी यह कंपनियां शादी-ब्याह के लिए निकलने वाली मांग के इंतजार में हैं। अग्रिम तैयारी और अग्रिम खरीदी के बाद इसका बाजार अब स्थिर होता नजर आ रहा है।

स्थिर कीमत

Chhattisgarh भरपूर मांग का बेहतरीन दौर देख चुकी दगड़ी इस समय 3400 से 3450 रुपए क्विंटल पर स्थिर हो चली है। तेजी के संकेत इसलिए नहीं हैं क्योंकि कंपनियों की खरीदी लगभग पूरी हो चुकी है। घरेलू बाजार से डिमांड तो है लेकिन उसे उल्लेखनीय नहीं माना जा रहा है। थोड़ी बहुत उम्मीद दिसंबर माह में निकलने वाली संभावित मांग से बनी हुई है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU