Chhattisgarh बस्तर जिलों के सभी धान खरीदी केंद्रों में अभी तक नहीं हो पाई बोहनी

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Chhattisgarh बस्तर जिलों के सभी धान खरीदी केंद्रों में अभी तक नहीं हो पाई बोहनी


Chhattisgarh चारामा ! शासन के निर्देशानुसार पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में 1 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रारंभ की जानी थी और छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग को छोड़कर अन्य सभी जिलों में धान खरीदी प्रारंभ हो चुकी है, लेकिन बस्तर संभाग अंतर्गत आने वाले सभी जिलों के सभी धान खरीदी केंद्रों में अभी तक धान की बोहनी तक नहीं हो पाई है !

Chhattisgarh प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कर्मचारियों के लगातार हड़ताल पर रहने के चलते कहीं पर भी धान की खरीदी नहीं हो पाई है, जिसमें किसान परेशान हो रहे हैं, प्राथमिक कृषि सहकारी समिति के कर्मचारियों के द्वारा पांच सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल किया गया है !

Chhattisgarh  वही कर्मचारियों की हड़ताल के बाद जिला कलेक्टर के द्वारा संबंधित विभाग के ऑपरेटरों को खरीदी करने के निर्देश दिए गए थे, जिस पर आपरेटर ने आपत्ति जताते हुए कि उनके द्वारा खरीदी का कार्य और ऑपरेटिंग का कार्य एक साथ नहीं किया जा सकता, इसलिए उनके द्वारा भी 2 नवंबर को अपना संपूर्ण कार्य बंद कर कलेक्टर से मिलने पहुंचे और उन्हें ऑपरेटिंग कार्य ही देने की मांग की गई।

Chhattisgarh  वही ऑनलाइन टोकन कटने के चलते कुछ किसान 2 नवंबर बुधवार को अपना धान लेकर चारामा मंडी पहुंचे लेकिन धान खरीदी प्रारंभ नहीं होने से किसान धान को लेकर घंटों तक मंडी केंद्र में बैठे रहे और अन्य किसान भी बड़ी संख्या में केंद्र पर पहुंचे, जहां किसान घनश्याम सोनकर चारामा, श्रवण कुमार जैन चारामा, नकुल निषाद करा मेहतर दुग्गा जैसाकर्रा , हूंमन साहू कर्रा, पवन कुमार साहू कर्रा, नाथूराम सिन्हा कर्रा, अमृतलाल कर्रा, संतोष सोनकर चारामा, लीलाबाई सोनकर चारामा, जोकि कुछ किसान टोकन लेकर पहुंचे थे और कुछ किसान टोकन लेने के लिए पहुंचे थे !

Chhattisgarh  जिनमें कुछ किसान धान भी लेकर पहुंच चुके थे ,ने बताया की सरकार की घोषणा के बाद किसान टोकन लेने और धान बेचने मंडी के केंद्र में पहुंच रहे हैं, किसानों का संपूर्ण धान पक चुका है और कटाई भी हो चुकी है ऐसे में कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं जिसका खामियाजा किसानों को हो रहा है, किसान कर्ज में लदे हुए हैं किसानों ने कर्ज लेकर धान की पैदावार से लेकर धान कटाई तक कर्ज लिया है, जिसे चुकाना भी है, ऐसे में अगर उनका धान समय पर लिया जाए तो किसानों को राहत होगी, लेकिन कर्मचारियों की हड़ताल के चलते धान खरीदी में देरी हो रही है, वह किसानों के द्वारा मंडी स्थल पर सरकार के खिलाफ और कर्मचारी खिलाफ नारेबाजी भी की गई और मीडिया को जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि अगर किसानों का धान नहीं लिया गया !

तो किसान चक्का जाम करने के लिए मजबूर होंगे, जिसकी जानकारी तहसीलदार एचआर नायक को लगते ही वे मंडी धान खरीदी केंद्र पहुंचे और उन्होंने किसानों को समझाया कि कर्मचारियों की अपनी मांगों के चलते और उनके निजी धरने के चलते धान खरीदी प्रभावित हो रही है और 1 नवंबर क्योंकि शासकीय छुट्टी थी इस वजह से खरीदी की व्यवस्था नहीं हो पाई, जिला कलेक्टर के द्वारा 2 नवंबर बुधवार को धान खरीदी के संबंध में बैठक रखी गई है, जिसमें धान लेने के संबंध पर चर्चा की जाएगी, और किसानों का धान जल्द से जल्द लिया जाएगा !

वही किसानों ने तहसीलदार को धान खरीदी में होने वाली समस्याओं के संबंध में भी अवगत कराया, और तहसीलदार से इलेक्ट्रॉनिक कांटा के माध्यम से धान खरीदी करने की मांग रखी, जिसे भी तहसीलदार द्वारा जिला कलेक्टर को अवगत कराने की बात कही, वही तहसीलदार ने बैठक के बाद जानकारी दी की जिला कलेक्टर के द्वारा जिला खाद्य अधिकारी को धान खरीदी की संपूर्ण व्यवस्था कर गुरुवार से धान खरीदी करने के निर्देश दिए गए हैं, किसानों का टोकन गुरुवार से ही काटा जाएगा और किसानों का धान भी गुरुवार से केंद्रों में लेना शुरू किया जावेगा। किसान परेशान नहीं हो।

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