CG HIGH COURT
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास कार्यों में लगातार हो रही देरी पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सोमवार को सुनवाई के दौरान सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए.
न्यायालय ने पूछा कि क्या राज्य सरकार वास्तव में बिलासपुर में पूर्ण सुविधायुक्त एयरपोर्ट बनाना चाहती है?. पिछली सुनवाई (29 नवंबर 2024) में दिए गए आश्वासनों के बावजूद कार्यों की गति निराशाजनक बताई गई. नाइट लैंडिंग सुविधा से जुड़ा भवन नहीं बन पाया, जबकि डीवीओआर मशीन का कुछ हिस्सा पहुंच चुका है. एएआई ने स्वीकारा कि भवन का सिविल व इलेक्ट्रिकल कार्य अधूरा होने से मशीन स्थापित नहीं हो सकी. सेना से जमीन वापसी की प्रक्रिया भी रुकी हुई है, क्योंकि राज्य सरकार ने जरूरी राशि जमा नहीं की.
न्यायालय की चिंता:
खंडपीठ ने कहा, “जब हाईकोर्ट स्वयं इस मामले की निगरानी कर रहा है, तब भी कार्यों में प्रगति न होना गंभीर चिंता का विषय है। सरकारी आश्वासन और जमीनी हकीकत में बड़ा अंतर है।”
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अगली सुनवाई:
खंडपीठ ने दो सप्ताह का समय देते हुए कहा कि बिलासपुर की जनता वर्षों से एयरपोर्ट की मांग कर रही है और कोर्ट इस प्रक्रिया की मॉनिटरिंग कर रहा है. अगली सुनवाई की तारीख 7 मई तय की गई है.