वन परिक्षेत्र में सड़क मरम्मत में फर्जीवाड़ा…CCF ने दिए जांच के आदेश

इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री, प्रधान मुख्य वन संरक्षक रायपुर, मुख्य वन संरक्षक कांकेर एवं वनमंडल भानुप्रतापपुर में शिकायत देकर जाँच की माँग की गई थी। जिसे गंभीरता से लेते हुए मुख्य वन संरक्षक कांकेर राजेश चंदेले ने अपने पत्र क्रमांक/नि.स./शिका.सीधे/7060 कांकेर दिनांक 16/10/2025 के माध्यम से वृत्त कार्यालय के संलग्न अधिकारी लखन लाल नागेश को जाँच का आदेश दिया है और 15 दिवस के भीतर जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने निर्देशित किया है। इस आदेश के बाद से भानुप्रतापपुर परिक्षेत्र के रेंजर व डिप्टी रेंजरों में हड़कंप मचा हुआ है।

ज्ञात हो कि पूर्व में भी भी तालाब निर्माण, डैम निर्माण, भवनों की रंगाई- पोताई, पौधारोपण, भू जल संरक्षण जैसे कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार की शिकायते सामने आ चुकी चुकी है। लेकिन बड़े-बड़े अधिकारियों की संलिप्तता के चलते दस्तावेजों को विगत 2 वर्षों से दबाए रखा गया। वनमंडल पूर्व भानुप्रतापपुर अंतर्गत सभी परिक्षेत्र में इसी बीच बड़े पैमाने पर फर्जी बिल व्हाउचर बनाकर करोड़ों की राशि बंदरबांट की गई है।

आरटीआई लगाने के बावजूद जानकारी नहीं दी जा रही थी जो किसी बड़े भ्रष्टाचार को ही छुपाने का प्रयास है। भानुप्रतापपुर परिक्षेत्र के ग्राम बांसला में सड़क मरम्मत के नाम पर बिना किसी कार्य के लगभग 40 लाख रुपये आहरण कर लिए गए है। इसी तरह बारिश के पूर्व शासकीय भवनों की मरम्मत व रंगाई पोताई के नाम पर भी 60-70 लाख रुपये खर्च दिखाया गया है, जबकि कुछ ही भवनों में वाटर प्रूफिंग का कार्य हुआ है।

इसके पहले पीछेकट्टा, साल्हे व इरागाँव में तालाब निर्माण में गड़बड़ी उजागर हुई थी, जहाँ तीन तालाब की स्वीकृति लेकर दो ही तालाब बनाये गए थे और तीन तालाब की राशि आहरण कर ली गई थी। दाबकट्टा में दो वर्ष पूर्व डैम बनवाया गया था जिसमे आज तक गेट ही नहीं लगाया गया जबकि उसकी भी पूरी राशि आहरण कर ली गई है।

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