कांडलापर्ती में खुला कैंप… कभी इलाके में थी नक्सलियों की धमक..


🔹 प्राकृतिक चुनौतियों के बीच सुरक्षा बलों का साहसिक कदम
दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों और विपरीत मौसम के बावजूद सुरक्षा बलों ने असाधारण साहस और समर्पण दिखाते हुए कैम्प की स्थापना पूरी की। यह न केवल सुरक्षा दृष्टिकोण से अहम कदम है, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास की गति को भी तेज करेगा।


🔹 अंतर्राज्यीय संपर्क व आधारभूत संरचना को बढ़ावा
इस कैम्प की स्थापना से भोपालपटनम, फरसेगढ़, सेण्ड्रा और गढ़चिरौली को जोड़ने वाले मार्ग पर विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी। भविष्य में नेशनल पार्क क्षेत्र के ग्रामों को भी सड़क, बिजली, स्वास्थ्य और अन्य सुविधाओं से जोड़ा जाएगा।


🔹 सुरक्षा और विकास का समन्वय
कैम्प के माध्यम से अब स्थानीय नागरिकों को स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पेयजल, पीडीएस दुकानें, मोबाइल नेटवर्क, सड़क और पुल-पुलिया जैसी सुविधाएं सुलभ होंगी। इससे नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगेगा और ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार आएगा।


🔹 नक्सल उन्मूलन में बड़ी उपलब्धि
बीजापुर जिले में वर्ष 2024 से अब तक 19 सुरक्षा कैम्प स्थापित किए जा चुके हैं। इस अवधि में 599 माओवादियों ने आत्मसमर्पण, 196 माओवादी मुठभेड़ों में मारे गए, जबकि 982 माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं। बस्तर संभाग में अब तक 210 माओवादियों ने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया है — जो नक्सल उन्मूलन अभियान की बड़ी रणनीतिक सफलता मानी जा रही है।


🔹 प्रशासनिक नेतृत्व का योगदान
इस अभियान में पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।


मार्गदर्शन देने वालों में शामिल हैं —
सुंदरराज पी. (पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज), शालिन (महानिरीक्षक केरिपु ऑप्स, रायपुर), कमलोचन कश्यप (पुलिस उप महानिरीक्षक, दंतेवाड़ा), बी.एस. नेगी (उप महानिरीक्षक, केरिपु बीजापुर) सहित एसपी डॉ. जितेन्द्र कुमार यादव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी।


इनके मार्गदर्शन में सुरक्षा बलों — केरिपु, कोबरा और जिला पुलिस — ने संयुक्त रूप से यह कैम्प स्थापित किया।


🔹 विकास की रफ्तार
वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में बीजापुर जिले में अब तक 41 नवीन सुरक्षा कैम्प स्थापित किए जा चुके हैं। “नियद नेल्ला नार” योजना के अंतर्गत सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, मोबाइल नेटवर्क, आंगनबाड़ी और जन-सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया गया है।


इन प्रयासों से बीजापुर जिले के सुदूर क्षेत्रों में अब विकास और विश्वास दोनों की रोशनी पहुंच रही है।

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *