Bhupesh Sarkar : भूपेश सरकार की नई दुकान : आत्मानंद कोचिंग संस्थान

Bhupesh Sarkar :

भुवनेश्वर प्रसाद साहू

 

Bhupesh Sarkar : पूर्ववर्ती सरकार द्वारा एडुसेट के माध्यम से 11वीं और 12 वीं के विद्यार्थियों को दी जाने वाली आनलाईन कोचिंग की सुविधा को बंद किया !

 

Bhupesh Sarkar :  कसडोल !  छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना की शुरूआत कर प्रदेश की प्रतिभाओं को कुचलने और दबाने का काम की शुरूआत किया है।

यह आरोप लगाते हुए भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्रीमती लक्ष्मी साहू ने कहा कि भूपेश सरकार ने आत्मानंद कोचिंग का ठेका एलेन कोचिंग को दिया है। बिना भ्रष्टाचार और कमीशन के कोई काम न करने वाली इस सरकार के मुखिया ने इसमें भी नि:संदेह कमीशन का खेल खेला है।

Bhupesh Sarkar : प्रदेश में स्थानीय स्तर पर अनेक ऐसी संस्थाएं हैं जहां से हर साल सैंकड़ों, हजारों छात्र-छात्राएं सफल हो रहे हैं। इन स्थानीय संस्थाओं को आत्मानंद कोचिंग का काम क्यों नहीं दिया गया ? दिल्ली की संस्था को ही ठेका क्यों दिया? इसमें कितने करोड़ रुपयों का लेनदेन हुआ है?

स्थानीय और छत्तीसगढिय़ा को लाभ देने का राग अलापने वाले कांग्रेस सरकार को इसका जवाब देना होगा। उन्हें यह बताना होगा कि ऐसा कर क्या उन्होंने प्रदेश के विकास में भागीदार बन रहे कोचिंग संस्थानों को बंद करने का कुत्सित प्रयास नहीं किया है?

Bhupesh Sarkar :  लक्ष्मी साहू ने आगे कहा कि चुनाव के ठीक पहले आत्मानंद कोचिंग के नाम से भ्रष्टाचार की नई दुकान खोलने वाले भूपेश बघेल को यह भी स्पष्ट करना होगा कि उन्हें जब स्थानीय प्रतिभाओं को उभारना ही है तो उसने सत्ता में आते ही पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में एससीईआरटी में एडुसेट के माध्यम से 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कोचिंग की जो व्यवस्था पूरे प्रदेश में सभी के नि:शुल्क की गई थी उसे खत्म क्यों किया?

श्रीमती लक्ष्मी साहू ने यह भी कहा कि गांव और कस्बों में रहने वाले गरीब विद्यार्थियों को ऑनलाइन कोचिंग का इस सरकार ने केवल झुनझुना पकड़ाया है। उन्हें बतलाना होगा कि इस नई योजना में प्रदेश के गरीब विद्यार्थियों को स्मार्ट फोन कहां से मिलेगा? क्योंकि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने हर विद्यार्थी और गरीब को मोबाइल देने की योजना बनाई थी उसे तो इस सरकार ने बंद कर दिया है।

Bhupesh Sarkar : उन्होंने आगे कहा कि भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ में आत्मानंद स्कूल और कालेज शुरू किया। इस योजना में पुराने स्कूलों का रंग-रोगन कर और घटिया सामग्री की सप्लाई कर प्रदेशभर में जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) के कई करोड़ रुपयों का बंदरबाट किया। इन स्कूलों में हुए घोटालों की परतें भी अभी से खुलने लगी हैं। इतना ही नहीं ज्यादातर स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए इस शिक्षा सत्र में भी चार महीने बीत जाने के बाद भी शिक्षकों तक की व्यवस्था भूपेश बघेल नहीं कर पाए हैं। ऐसे में कांग्रेस सरकार कैसे छत्तीसगढ़ के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार कर पाएगी? इसका जवाब उन्हें देना होगा।

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भूपेश सरकार नित्य नई घोषणा कर के केवल घोषणा वीर ही कहला रही है ! आए दिन दैनिक समाचार पत्रों में बड़े-बड़े विज्ञापन दिया जाता है , काल्पनिक कार्यों का बखान किया जाता है ! वह धरातल में कहीं दिखाई ही नहीं देता है ! यहां तक की रायपुर में विकास देखने के लिए हमारे नेताओं को दूरबीन लेकर उतरना पड़ा फिर भी विकास दूर-दूर तक दिखाई नहीं दिया ! भूपेश बघेल के सभी काले कारनामों को भू- पे ऐप पर देखा जा सकता है !

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