भूपेश बघेल का BJP सरकार पर निशाना — “माओवाद को राजनीतिक मुद्दा बनाकर दोहरी राजनीति न करें”

रायपुर, 18 अक्टूबर 2025:छत्तीसगढ़ में नक्सली आत्मसमर्पण के बाद राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि “माओवाद को राजनीतिक मुद्दा बनाकर छत्तीसगढ़ की जनता के साथ दोहरी राजनीति न की जाए।”

भूपेश बघेल ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में लिखा —

“बस्तर को खुशहाल बनाने का काम कांग्रेस सरकार ने शुरू किया था और आगे भी जारी रखेगी। लेकिन माओवाद को राजनीतिक हथियार बनाकर प्रदेश की जनता को गुमराह करने की कोशिश न करें। हम छत्तीसगढ़ के लोग शांति स्थापित करके अपना खुशहाल राज्य बनाएंगे। नक्सल मुक्ति के नाम पर बस्तर को बेचने नहीं देंगे — ये भी सनद रहे।”

“कितना छोटा दिल है प्रधानमंत्री जी” — बघेल का तीखा बयान

पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री पर भी निशाना साधते हुए कहा —

“कितना छोटा दिल है प्रधानमंत्री जी! छत्तीसगढ़ की जनता जानती है कि आज अगर नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं, तो वह कांग्रेस सरकार की ‘विश्वास, विकास और सुरक्षा’ की नीति का परिणाम है। लेकिन अफसोस है कि इस उपलब्धि को मानने की बजाय आप कांग्रेस पर झूठे आरोप लगाने में व्यस्त हैं।”

उन्होंने कहा कि जब माओवाद कमजोर हो रहा है, तब भी भाजपा इसे राजनीतिक प्रचार का माध्यम बना रही है।

“यह साफ दिखाता है कि आपके लिए देश की आंतरिक सुरक्षा से ज़्यादा विपक्ष पर छींटाकशी करना अहम है।”

“नक्सलवाद और आतंकवाद की सबसे बड़ी कीमत कांग्रेस ने चुकाई”

बघेल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने नक्सलवाद और आतंकवाद दोनों की सबसे बड़ी कीमत चुकाई है।

“हमारे कई बड़े नेता एक कथित नक्सली हमले में मारे गए, लेकिन हर बार उस जांच को भाजपा नेताओं ने ही रोक दिया। फिर भी हमने केंद्र सरकार का आभार जताया और गृहमंत्री को इस लड़ाई में सहभागी बनने के लिए आमंत्रित किया।”

“15 साल की BJP सरकार बस्तर के दर्द की जिम्मेदार”

भूपेश बघेल ने कहा कि बस्तर ने जो पीड़ा झेली है, उसकी सबसे बड़ी जिम्मेदार भाजपा की 15 साल की सरकार है।

“अब अगर बस्तर में बदलाव की बयार चली है, तो उसका श्रेय कांग्रेस की नीतियों को जाता है। केंद्र में भी आपकी सरकार थी, लेकिन तब ये सुधार क्यों नहीं हुए? आज जब बदलाव दिख रहा है, तो उसका श्रेय लेने की कोशिश न करें।”

बघेल ने दोहराया कि कांग्रेस की नीति “शांति के साथ विकास” पर केंद्रित है और यह आगे भी जारी रहेगी।

“हम छत्तीसगढ़ के लोग खुद अपना खुशहाल और शांतिपूर्ण राज्य बनाएंगे। जनता सब देख और समझ रही है।”

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