Bhilai Women Society : भिलाई की सशक्त महिला संगठन ने उत्साह एवं उल्लासपूर्वक मनाया 67वाँ स्थापना दिवस

Bhilai Women Society :

Bhilai Women Society : महिलाओं पर पुरुषों की तुलना में चार गुना अधिक काम का बोझ है इसलिए पुरुषों को भी महिलाओं की जिम्मेदारियों का बोझ उठाना चाहिए

 

 

Bhilai Women Society : भिलाई..अंचल और देश की प्रमुख समाजसेवी महिला संगठनों में से एक इस्पात नगरी, भिलाई की सशक्त महिला संगठन, भिलाई महिला समाज ने 4 अगस्त को अपना 67वाँ स्थापना दिवस उत्साह एवं उल्लासपूर्वक मनाया।

यह समारोह सिविक सेंटर स्थित, महात्मा गाँधी कला मंदिर, भिलाई में आयोजित किया गया। समारोह में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग की पहली महिला कुलपति सम्मानीय डॉ अरुणा पाल्टा जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। भिलाई महिला समाज की अध्यक्ष श्रीमती त्रिपर्णा दासगुप्ता ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

समारोह में अतिथियों के आगमन पर बैज लगाकर एवं पुष्प गुच्छ से उनका स्वागत किया गया। तत्पश्चात् मुख्य अतिथि डॉ अरुणा पाल्टा तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही भिलाई महिला समाज की अध्यक्ष  त्रिपर्णा दासगुप्ता सहित उपस्थित अन्य अतिथियों द्वारा श्री गणेश जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया गया। इसके उपरांत  गणेश वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।

समारोह की मुख्य अतिथि डॉ अरुणा पाल्टा जी ने बीएमएस की पदाधिकारियों और उपस्थित सभी महिलाओं को सम्बोधित करते हुए, भिलाई महिला समाज को 67वें स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी और अपने सारगर्भित भाषण में कहा, कि एक समय था जब महिलाएं केवल घरेलू काम-काज और घरेलू जिम्मेदारियों तक ही सीमित रहती थीं, लेकिन अब चाहे वह ऑटो-रिक्शा चालक हो या फायर फाइटर जैसी पुरुष प्रधान नौकरी, महिलाएं हर तरह के क्षेत्रों में अग्रणी पदों पर कार्य कर रही हैं।

 

आप झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई या अहिल्या देवी होलकर जैसी महिलाओं को याद कर लीजिए आपको ऐसी अनेकों महिलाएं मिलेंगी जिन्होंने समाज को अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है। और अब हमारे देश के चंद्रयान परियोजना को ही देख लीजिए, जिस पर देश आज गर्व करता है, इस परियोजना में कई महिला वैज्ञानिकों ने प्रमुख पदों पर काम किया और इसे सफल बनाया है।

 

पहले उच्च शिक्षा में महिलाएं केवल स्नातक की डिग्री हासिल करती थीं और फिर उनकी शादी कर दी जाती थी, लेकिन आज मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मेरे विश्वविद्यालय के पिछले दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों में अधिकांश विद्यार्थी, महिलाएं ही थीं। डॉ. अरुणा पल्टा ने कहा, वर्तमान समय में महिलाएं न केवल हर क्षेत्रों, प्रोफेशन और शिक्षा में भाग ले रही हैं बल्कि उनमें उत्कृष्ट प्रदर्शन भी कर रही हैं।

हालाँकि, उनकी प्रगति के साथ, वर्तमान परिदृश्य भी बदल गया है, समाज अस्थिर हो रहा है क्योंकि महिलाओं पर पुरुषों की तुलना में चार गुना अधिक काम का बोझ है इसलिए पुरुषों को भी महिलाओं की जिम्मेदारियों का बोझ उठाना चाहिए और अपने जीवन और परिवार को सफलतापूर्वक चलाने के लिए एक-दूसरे का पूरक बनना चाहिए।

इस अवसर पर भिलाई महिला समाज की अध्यक्ष त्रिपर्णा दासगुप्ता ने अपने संदेश में कहा, कि भिलाई महिला समाज के स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में आप सभी को संबोधित करते हुये मुझे बहुत ही प्रसन्नता हो रही है। मैं भिलाई महिला समाज की सभी सदस्य बहनों को स्थापना दिवस की हार्दिक बधाई तथा शुभकामनायें देती हूँ।

आप सभी के सहयोग से ही आज भिलाई महिला समाज इन उंचाईयों तक पहुँच पाया है। एकता, समर्थन, निष्ठा और विश्वास की शक्ति की नींव पर स्थापित यह मजबूत संगठन उन सभी महिलाओं की मेहनत का प्रतिफल है, जिन्होंने अपने सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करते हुए इसको सशक्त बनाया है।

समाज के कमजोर वर्ग की महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिये, भिलाई महिला समाज प्रारम्भ से ही विभिन्न इकाईयों का संचालन करती आ रही है। जिसमें, स्टेशनरी इकाई, दस्ताना इकाई, मसाला केन्द्र, समृद्धि फ्यूल्स आदि शामिल है।

भिलाई महिला समाज ने अपने पर आश्रित सभी सदस्य बहनों के वित्तीय प्रकरणों को हल करने का सदैव प्रयास किया है, इसमें संयुक्त सदस्यों के प्रतिभावान बच्चों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है और जरूरतमंद दिव्यांग सदस्यों को सहायक उपकरण उपलब्ध कराये जाते हैं।

 

भिलाई महिला समाज ने आज 67 वर्ष पूर्ण कर यह साबित कर दिया है, कि इतने लंबे समय तक किसी संगठन को सक्रिय बनाये रखना, कठिन परिश्रम और दृढ़संकल्प से ही सम्भव हो सकता है। मुझे पूरा विश्वास है कि भिलाई महिला समाज आगे भी निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर रहेगा।

Bhilai Women Society : भिलाई महिला समाज की महासचिव  साधना गोयल ने विगत वर्षों में भिलाई महिला समाज द्वारा किये गए क्रमशः उत्तरोतर प्रगति और उत्कृष्ट कार्यों का वर्णन किया। उन्होंने मुख्य अतिथि, उपस्थित जनों और सभी सहयोगी विभागों का धन्यवाद करते हुए कहा, कि यह आयोजन आप सबकी भागीदारी से ही सफलतापूर्वक सम्भव हुआ है।

समारोह में भिलाई महिला समाज की उपाध्यक्ष  नीरजा कुमारी सिंह, अतिरिक्त उपाध्यक्ष श्रीमती प्रणोती मुखोपाध्याय, अतिरिक्त उपाध्यक्ष मोली चक्रवर्ती, अतिरिक्त उपाध्यक्ष मीरा पंडा, अतिरिक्त उपाध्यक्ष  स्मिता गिरी, महासचिव  साधना गोयल, सहसचिव  सोनाली रथ, कोषाध्यक्ष शिखा जैन, सह-कोषाध्यक्ष  दीपान्विता पाल एवं भिलाई महिला समाज की विभिन्न उत्पादक इकाइयों की प्रभारी एवं सदस्यगण उपस्थित थीं।

इस दौरान समारोह में भिलाई महिला समाज द्वारा संचालित 10 क्लबों और 6 इकाइयों को प्रोत्साहित किया एवं श्रेष्ठ क्लब का खिताब सेक्टर-8 क्लब को मिला, जिसे नलिनी श्रीवास्तव ट्रॉफी से पुरस्कृत किया गया। समारोह के आकर्षण का केन्द्र भिलाई महिला समाज के सदस्यों द्वारा प्रस्तुत साँस्कृतिक कार्यक्रम रहे। जिसमें विभिन्न क्लबों के सदस्यों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

इसमें देशभक्ति नृत्य, महिषासुर मर्दिनी नृत्य, भोजपुरी नृत्य, किसान की आस नामक नृत्य नाटिका आदि की प्रस्तुति दी गयी, जो आकर्षण का मुख्य केंद्र रहा। मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। उपाध्यक्ष नीरजा कुमारी ने मुख्य अतिथि का परिचय दिया और उनकी गरिमामयी उपस्थिति के लिए आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर अतिथियों द्वारा भिलाई महिला समाज की उपलब्धियों पर आधारित ब्रोशर का विमोचन भी किया गया। जिसमें भिलाई महिला समाज के इतिहास से लेकर, वर्तमान कार्यों का विवरण दिया गया है। इस अवसर पर भिलाई महिला समाज की संस्थापिका स्व.  नलिनी श्रीवास्तव को समर्पित एक विनम्र श्रद्धांजली के रूप में, भिलाई महिला समाज की स्थापना से लेकर अब तक की यात्रा का एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाया गया।

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Bhilai Women Society : समारोह का संचालन  दिव्या साहू एवं  मृदुला शुक्ला ने किया, महासचिव साधना गोयल ने प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया तथा धन्यवाद ज्ञापन कोषाध्यक्ष  शिखा जैन ने दिया। विदित हो कि 4 अगस्त, 1957 को भिलाई महिला समाज की स्थापना मात्र 50 समर्पित सदस्यों के साथ किया गया था। आज भिलाई महिला समाज प्रगति के नए सोपान तय करते हुए 800 से भी अधिक सक्रिय व समर्पित सदस्य की एक प्रतिष्ठित संस्था बन गई है।