Bhilai Steel City : हाउस लीज पर दिए गए आवासों का पंजीयन शुल्क के नाम पर कर्मचारियों से वसूली जा रहा है ₹30000 से लेकर ₹100000 तक की राशि

Bhilai Steel City :

रमेश गुप्ता

Bhilai Steel City हाउस लीज पर दिए गए आवासों का पंजीयन शुल्क के नाम पर कर्मचारियों से वसूली जा रहा है ₹30000 से लेकर ₹100000 तक की राशि

 

Bhilai Steel City भिलाई..स्टील सिटी चेंबर ऑफ कॉमर्स भिलाई के अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन ने कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों को हाउस लीज पर दिए गए आवासों का पंजीयन जिला पंजीयन कार्यालय मे विभिन्न नियमों के तहत रजिस्ट्री कृत प्रक्रिया के तहत पूरी हो रही है जिस पर कर्मचारियों से ₹30000 से लेकर ₹100000 तक की राशि पंजीयन शुल्क के नाम पर वसूली जा रही है ।

ज्ञानचंद जैन ने कहा है कि कर्मचारी एवं अधिकारी इस्पात संयंत्र भिलाई से अनुरोध करें और इसी तरह का पंजीयन ₹750 //- रू के बॉन्ड पेपर पर भी हो सकता है जो भिलाई इस्पात संयंत्र एवं आबंटी के मध्य का करार होगा । जब कभी भी स्वामीत्व हस्तांतरण की बात होगी बीएसपी जिला प्रशासन और आवंटी के मध्य उस समय भी नए करार हो सकते हैं । वर्तमान करार स्वामित्व परिवर्तन के वक्त कार्य नहीं करेगा क्योंकि भिलाई इस्पात संयंत्र ने अनुबंध की अनेक धाराओं के साथ आबंटनधारी व्यक्ति को जकड़ रखा है वर्तमान अनुबंध दो पक्षों के मध्य का मात्र करार है स्वामित्व भिलाई इस्पात संयंत्र का ही है l
ज्ञान चंद जैन ने भिलाई इस्पात संयंत्र से कहा है कि भारतीय इस्पात प्राधिकरण से चर्चा कर एवं कर्मचारी अधिकारी एवं व्यापारियों के संगठन की संयुक्त बैठक आयोजित कर नए नियम बनाया जाए और हाउस लीज पर आवंटित आवास लीज पद्धति पर दिए गए दुकान- मकान एवं सामाजिक , धार्मिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं के आवंटन को नियमित करने की दिशा में पहल करें साथ ही उन कर्मचारी अधिकारियों को भी राहत दे जिन्होंने अपने आवास अपने अन्य पारिवारिक भाई-बहन अथवा परिवार के किसी सदस्य के नाम पर स्थानांतरित कर दिया है जिनके पंजीयन की प्रक्रिया वर्तमान समय में नहीं हो रही है कई लोगों ने प्रीति पक्ष के लोगों को विक्रय कर दिया है ऐसे सभी प्रकरण पर अलग-अलग ने राशि निर्धारित कर पंजीयन की प्रक्रिया को पूरी करें जिस तरीके से भिलाई टाउनशिप के दुकानदारों के प्रकरण मलबा बताकर इस्पात संयंत्र आसानी से किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर स्थानांतरित करता है चुकी संयंत्र कर्मचारियों के आवास में निर्मित अनाधिकृत निर्माण को जब तक वैधानिक रूप नहीं दिया जाएगा तब तक यह परेशानी इसी तरह बनी रहेगी इसलिए शहर के वातावरण को शारीरिक आर्थिक और मानसिक पीड़ा से बाहर निकाल कर एक नए वातावरण में खुली हवा लेने की अनुमति दी जाए ।

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जब तक नए नियम ने बनाए जाएंगे तब तक लीज पद्धति पर जिसे भी भूमि का आवंटन किया गया है हर वर्ग परेशान रहेगा जहां तक बात नगर पालिक निगम की है भिलाई इस्पात संयंत्र के स्वामित्व की भूमि का हस्तांतरण जब तक राज्य शासन में नहीं होगा तब तक नगर निगम का हस्तक्षेप भिलाई इस्पात संयंत्र की भूमि पर संभव नहीं है समय-समय पर भिलाई इस्पात संयंत्र ने अपने नियमों की दुहाई देकर इस बात को सार्वजनिक अखबारों में विज्ञापन देकर भी प्रसारित किया है l

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