कम कीमत, कम तेल तथा अधिक पारिश्रमिक
राजकुमार मल
भाटापारा। कुसुम से किनारा कर रहे हैं, प्रदेश के किसान क्योंकि तैयार फसल के लिए बाजार तेजी से घट रहा है। रकबा बढ़ाने के प्रयास तो हैं लेकिन बाजार के लिए गंभीर चिंतन और कोशिश सिरे से गायब है। जो खेती हो रही है, उसके पीछे भाजी उपभोक्ताओं की मांग ही है, जिसने बर्रे याने कुसुम को बचाए रखा है।
तिलहन फसलों में कभी नाम होता था कुसुम का। बर्रे के नाम से पहचानी जाने वाली यह फसल परिपक्वता अवधि के पूर्व भाजी के रूप में सेवन की जाती है, तो उम्र पूरी करने के बाद हासिल उपज से खाने का तेल बनता था। हाथों-हाथ खरीदी करती थीं ऑयल मिलें लेकिन बीते 5 साल से इकाइयां सोयाबीन की खरीदी को प्राथमिकता दे रहीं हैं। ऐसे में कुसुम को वह जगह नहीं मिल रही है, जैसा होना चाहिए था।
इसलिए खत्म हो रहा रुझान
सोयाबीन। तिलहन फसलों में एकमात्र ऐसी फसल है जिसकी खेती देश स्तर पर हो रही है। प्रति क्विंटल तेल का प्रतिशत ज्यादा होना और संगठित बाजार की आसान उपलब्धता। यह दो ऐसे प्रमुख कारक रहे, जिसकी वजह से सोयाबीन आगे,तो कुसुम पीछे होता चला गया। कुसुम के पीछे होने का क्रम आज भी जारी है।
थी सर्वोत्तम, यहां की कुसुम
कवर्धा, मुंगेली और बेमेतरा जिले के अलावा तखतपुर के किसान कुसुम की व्यवसायिक खेती करते थे। तैयार फसल को भाटापारा कृषि उपज मंडी में बेहतर कीमत और बेहतर प्रतिसाद मिलता था। आज इन उत्पादक क्षेत्रों में कुसुम की व्यावसायिक खेती का किया जाना लगभग खत्म होता जा रहा है।
खुली नई मंडियां, फिर भी…
बेमेतरा, मुंगेली, कवर्धा और तखतपुर। यहां भी कृषि उपज मंडियां अस्तित्व में आ चुकीं हैं। कारोबार भी बढ़ा है लेकिन नहीं बढ़ा कारोबार, तो केवल कुसुम का। विकट थी यह स्थिति क्योंकि मंडियां तो संचालन में आ गई लेकिन बर्रे की खेती को प्रोत्साहन की नीतियां कारगर नहीं हो पाई। ऐसे में कुसुम के किसान इसकी खेती से किनारा कर रहे हैं।
कम कीमत, कम तेल तथा अधिक पारिश्रमिक
अन्य तिलहनी फसलों की तुलना में कम कीमत की प्राप्ति, तुलनात्मक रूप से कम तेल सामग्री, अधिक पारिश्रमिक, विभिन्न जैविक और अजैविक तनाव के प्रति संवेदनशीलता यह कुछ कारक है जिस कारण प्रदेश के कृषक कुसुम की खेती से किनारा कर रहे है।
डॉ. एस.आर. पटेल
रिटायर्ड प्रोफेसर (एग्रोनॉमी), इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर
Related News
महापौर दौरे के बाद पुरैना में स्वास्थ्य विभाग की दबिश
रमेश गुप्तारिसाली....टाइफाइड बीमारी बताकर ईलाज करने वाले प्राइवेट प्रेक्टिशनर मो. साजिद की अस्पताल में स्वास्थ...
Continue reading
ंिहंगोरा सिंह
सरगुजा। अपने विधानसभा क्षेत्र के शाला त्यागी युवाओं से मुलाकात कर,उनकी समस्या को जानने के लिए कि वह किस कारण पढ़ाई बीच में ही छोड़ कर घर बैठे हैं, और पढ़ाई क्यों नह...
Continue reading
बइठका का आयोजन
खल्लारी। दैवीय माता तीर्थ स्थल खल्लारी में खल्लारी करे पुकार और कॉलेज खुलवाओ छत्तीसगढ़ सरकार को इस अपील के साथ खल्लारी के सामाजिक कार्यकर्ता तारेश साहू के नेतृत्व म...
Continue reading
चिकित्सा प्रशासक के साथ बैठक, अस्पताल को और अधिक सुव्यवस्थित करने पर चर्चा
दुर्जन सिंह
बचेली। एनएमडीसी बचेली और किरणदुल परियोजना में कार्यरत समस्त कर्मचारियों और आसपास के ग्रामी...
Continue reading
हिंगोरा सिंह
मैनपाट-सरगुजा। आज धान उपार्जन केंद्र वंदना में धान खरीदी का शुभारंभ किया गया। इस शुभ अवसर पर मुख्य अतिथि जनपद उपाध्यक्ष भगत पैकरा, विधायक प्रतिनिधि विक्की ...
Continue reading
लोकसभा सांसद की अध्यक्षता में जिला विकास समन्वय एवं मूल्यांकन समिति (दिशा) की बैठक
बेमेतरा। केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के जिले में क्रियान्वयन की समीक्षा हेतु आज लोक...
Continue reading
सामाजिक बुराई व नशीले व्यपार पर अंकुश लगाने कड़ा निर्णय आवश्यक
सरायपाली। देश व समाज मे नशीले व्यापार व तस्करी से समाज व देश मे सामाजिक बुराइयां बढ़ती जा रही है । यदि इस पर अंकुश...
Continue reading
लोरमी। आज दशरथ लाल अमरीका बाई आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बंधवा विकासखंड लोरमी जिला मुंगेली छत्तीसगढ़ के छात्र-छात्राओं ने शिक्षा सत्र 2024- 25 में अध्ययनरत बच्चों ने शैक्षणिक भ...
Continue reading
मुख्यमंत्री ने किया बस्तर हाट की थीम पर आधारित एक्सपीरियंस जोन और स्टाल्स का अवलोकन
फगनूराम साहू
जगदलपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के आज बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण क...
Continue reading
कोरिया पुलिस का सख्त अभियान
पुन: यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले 63 लोगों पर कार्यवाही
कोरिया। सड़क पर वांछित अनुशासन एवं सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने, बाजार में सड़क पर दिख र...
Continue reading
किसान गरीब नहीं, अन्नदाता हैं उन्हीं के भरोसे हम सब हैं: कलेक्टर
सभी 21 धान खरीदी केंद्रों में की गई माक़ूल व्यवस्था
कोरिया। 14 नवम्बर से जि़ले में खरीफ सीजन 2024-25 में समर्थन म...
Continue reading
बढ़ रही खेती शकरकन्द की
राजकुमार मल
भाटापारा। करता है वजन कम। काबू में रखता है डायबिटीज। बनाता है मजबूत हड्डियों को। और हां, आम हो चले उच्च रक्तचाप से छुटकारा दिलाने में भी सक्ष...
Continue reading