0 अनिवार्य है नियमों का पालन
राजकुमार मल
भाटापारा। लूज में उर्वरक बिक्री की पात्रता केवल लाइसेंसधारी संस्थानों को ही होगी। और हां, ओवर रेट किसी भी स्थिति में मान्य नहीं होगा। यह स्पष्ट करने की जरूरत इसलिए मानी जा रही है क्योंकि आंशिक मात्रा में यूरिया की खरीदी ने जोर पकड़ी हुई है।
समय आ चुका है खलिहान तैयार करने का। मेड़ों की सफाई भी अनिवार्य मानी जा रही है। इन दोनों स्थितियों ने सहज ही यूरिया पर मांग का दबाव बढ़ा दिया है क्योंकि खरपतवारनाशक दवाओं के छिड़काव के पूर्व स्प्रेयर में यूरिया की मानक मात्रा के मिश्रण की सलाह दी जा रही है।
लूज में बेच सकते हैं लेकिन
विभाग ने स्पष्ट किया है कि उर्वरक लाइसेंस धारी संस्थानें ही लूज में उर्वरक का विक्रय कर सकतीं हैं लेकिन एक बार में एक ही बोरी खोलें। रोजाना की बिक्री पंजी में इसका स्पष्ट उल्लेख करना अनिवार्य होगा। साथ ही स्टॉक रजिस्टर का नियमित संधारण भी करना होगा। जांच के दौरान यह अनिवार्य औपचारिकताएं नहीं मिली, तो नियम के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
इसलिए लूज में मांग
समय है मेड़ों की सफाई का। परिपक्वता की अवधि में पहुंच रही फसल को देखते हुए किसानों ने खलिहान तैयार करने का भी काम चालू कर दिया है लेकिन खरपतवार बाधा बन रहे हैं। इसलिए खरपतवार नाशक की जरूरत आन पड़ी है। प्रभावी असर के लिए यूरिया के मिश्रण की जरूरत है। इसलिए यह जरूरत ही लूज में यूरिया की बिक्री को बढ़ाए हुए है।
ओवर रेट में बेचा तो खैर नहीं
छिटपुट शिकायतें ओवर रेट की मिलती देखकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि खुले में बेचे जा रहे उर्वरक की बिक्री, बोरी में अंकित मूल्य के हिसाब से ही करनी होगी। बताते चलें कि छोटी सब्जी बाड़ियों की भी मांग छोटी मात्रा में यूरिया, ग्रोमोर, सुपर फास्फेट और पोटाश में निकली हुई है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र की दुकानें ओवर रेट में उर्वरक की बिक्री कर रहीं हैं।
केवल लाइसेंसधारी संस्थानें ही लूज में उर्वरक का विक्रय कर सकतीं हैं। इसके लिए आवश्यक नियम का पालन अनिवार्य है लेकिन ओवर रेट की शिकायतों पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
– अवधेश उपाध्याय, उर्वरक निरीक्षक, बलौदा बाजार