Bhanupratappur by-election : आदिवासी आरक्षण कटौती और जिला नहीं बनने को लेकर गुस्से में है वोटर

Bhanupratappur by-election :

Bhanupratappur by-election

Bhanupratappur by-election भानुप्रतापपुर ! भानुप्रतापुपर का वोटर गुस्से में हैं। किसी को जिला न बनने की नाराजगी है, किसी के मन में आदिवासी आरक्षण की कटौती का गुस्सा है।

Bhanupratappur by-election कांकेर जिले से करीब 50 किलोमीटर दूर भानुप्रतापपुर कस्बे में पहुंचते ही मुख्य चौराहे पर भाजपा और कांग्रेस के चुनावी कार्यालय दिखे। कारोबारी रोशन ज्ञानचंदानी ने बताया कि हम अपने बुजुर्गों से सुनते आ रहे हैं कि अविभाजित बस्तर जिले में 80 के दशक में मात्र 8 तहसीलें थी।

कांकेर, भानुप्रतापपुर, कोंडागांव, नारायणपुर, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, कोंटा व बीजापुर जो समय के साथ-साथ तहसीलों से जिलों में तब्दील हो चुकी हैं।
मगर भानुप्रतापपुर को अभी तक जिले का दर्जा नहीं मिल पाया है।

Bhanupratappur by-election इस इलाके में रहने वाले नागरिक संतोष साहू ने कहा- हमें हर काम के लिए कांकेर जाना पड़ता है। कोई प्रमाण पत्र बनवाना हो, जमीन की रजिस्ट्री हो इस तरह के मामूली कामों के लिए 50 किलोमीटर का सफर मतलब पूरी दिन खराब, ऐसा भी नहीं है कि सरकारी दफ्तरों में काम भी झट से हो जाए। इस तरह के काम तो प्रदेश के अन्य जिलों में कुछ घंटों में हो जाया करते हैं हमें कई दिन लग जाते हैं।

Bhanupratappur by-election भानुप्रतापपुर में के तेंदूपत्ता की गुणवत्ता प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में सबसे अच्छी है। जो संग्रहण में पहला स्थान रखता है। क्षेत्र के चार, चिरौंजी और आमचूर की देश भर में काफी मांग है। सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। वही यहां लौह अयस्क की भी प्रचुरता है, जहां क्षेत्र में लौह अयस्क के लिए ग्राम कच्चे में गोदावरी माइंस, भैंसाकन्हार में सीएमडीसी, हाहालद्दी, चेमल, मेटाबोदली माइंस संचालित है।

भानुप्रतापपुर के शहरी कस्बे के हिस्स से लगभग हर 10 किलोमीटर पर आदिवासी समुदायों के गांव हैं। इन गांवों की पतली सड़कें और गलियां शांत दिखती जरूर हैं, मगर इनमें सियासी गुस्सा भरा हुआ है ! आदिवासी कसम खा रहे हैं कि भाजपा और कांग्रेस को वोट नहीं देंगे।ऐसी कसम भैंसाकन्हार के ग्रामीणों ने ली है।

आस-पास के गांव चपेली, चारामा, दुर्गुकोंदल, साल्हे, कच्चे जैसे 10 से अधिक गांवों के लोगों ने ये शपथ ली है। यह हमारे लिए चुनाव नहीं अधिकारों की लड़ाई है। आदिवासी आरक्षण 32 प्रतिशत से घटाकर 20 कर दिया गया।

Bhanupratappur by-election शहारी हिस्से के लोगों और आदिवासियों की नाराजगी का असर क्या होगा इसका पता 8 दिसंबर को चलेगा। 5 दिसंबर को भानुप्रतापपुर में वोटिंग होगी। आदिवासी गांव-गांव जाकर समाज के बड़े बुजुर्गों की बैठकें लेकर बात-चीत कर रहे हैं।

सर्व आदिवासी समाज ने अपना निर्दलीय प्रत्याशी अकराम राम कोर्राम को चुनावी मैदान में उतारा है, हम उन्हीं को समर्थन दे रहे हैं। आदिवासियों की शपथ कितनी गंभीर है इसका इस बात से अंदाजा लगाइए कि किसी दूसरी पार्टी को समर्थन करते पाए जाने पर ग्रामीणों पर सामाजिक कार्रवाई तक की बात ग्राम सभाओं में तय हो चुकी है।

Bhanupratappur by-election छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए 256 मतदान केंद्र बनाये गये हैं।

जहां 1 लाख 97 हजार 535 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। यहां 69 केंद्र नक्सल प्रभावित इलाकों में हैं।

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