0 संकुल स्तरीय पालक-शिक्षक मेगा सम्मेलन हायर स्कूल चिचगांव में आयोजित की गई
भानुप्रतापपुर। संकुल स्तरीय पालक-शिक्षक मेगा सम्मेलन का आयोजन मंगलवार को हायर सेकेंडरी स्कूल चिचगांव में किया गया। जिसमें जनपद सदस्य प्रभा दुग्गा, सरपंच प्रमिला सलाम, बीईओ सदेसिह कोमरे ,एल मिंज, प्राचार्य हेमप्रकाश द्ववेदी,हरेश चक्रधारी,एसबीआई हाटकर्रा से मोती लाल उइके सहित संकुल स्तर से पालकगण उपस्थित रहे। वही अतिथियों द्वारा एक पेड़ माँ के नाम से स्कूल परिसर में पौधरोपण भी किया गया।
कार्यक्रम की शुरुवात माँ सरस्वती के चित्र पर मुख्यातिथि द्वारा दीपप्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य हेमप्रकाश द्ववेदी ने बैठक का उद्देश्य एवं शिक्षा को बढ़ावा देने शासन की योजनाओ को विस्तारपूर्वक जानकारी दी उन्होंने कहा कि पालक-शिक्षक मेगा सम्मेलन से पालको एवं शिक्षक बीच अच्छा समन्वय स्थापित करना जिससे बच्चों के शारिरिक, मानसिक व सर्वांगीण विकास हो सके। साथ ही बच्चों के हर गतिविधियों को पालक को अवगत कराएं जाना,ताकि बच्चों को प्रेणना व उचित मार्गदर्शन मिल सके। उन्हें सकारात्मक माहौल तैयार करते हुए परीक्षा के तनाव से मुक्त किया जाना है। वही 2020 के नई शिक्षा नीति के तहत शाला त्यागी बच्चों को पुनः वापस लाने के लिए भी यह पालक व शिक्षको में सकारात्मक संवाद भी जरूरी है। इनके अलावा शासन द्वारा शिक्षा को बढ़ावा देने 30 प्रकार के योजना संचालित किए जा रहे है उनकी जानकारी पालको को दी है।
बीईओ एस एस कोमरे ने कहा कि बच्चों की गुणवत्ता व शिक्षा का स्तर को बढ़ाना ही सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य है। शासन के तमाम सुविधाओं के बावजूद आज शिक्षा का स्तर दिनोदिन गिरते जा रहा है। जो एक चिंता का कारण है, इसका समाधान आरोप-प्रत्योप से नही बल्कि हम और आपको मिलकर निकालना पड़ेगा। 2020 के शिक्षानीति देश प्रदेश में लागू है इसे भी आपको जानना है। इस योजना पर क्या क्या पढ़ाई करना है यह भी जानना अनिवार्य है। उन्होंने कहा हर समस्याओं के निराकरण का एक ही आधार स्तंभ शिक्षा ही है।
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उन्होंने कहा कि मनोवैज्ञानिक शिक्षा के स्तर को कैसे बढ़ाना है। मोबाइल, कैलक्यूलेटर, लेपटॉप आधुनिकता तकनीकी दौर में बच्चे मस्तिष्क का उपयोग कम कर रहे है। गणित,अंग्रेजी एवं साइंस विषय बच्चों को पहाड़ जैसी स्थिति बनी हुई है। उन्होंने बुनियादी शिक्षा पर पुनःजाने की बात कही तभी हम शिक्षा का स्तर बढ़ा सकते है। पालक आपने बच्चों को नकरात्मक सोच से दूर रखते हुए पढ़ाई के प्रति प्रेरित करना चाहिए। हमर लक्ष्य के तहत मात्र 10 दिनों के कोचिंग में 17 बच्चे इंजीनियर बने है वही राष्ट्रीय प्रतिभा परीक्षा में 105 बच्चों का सलेक्शन हुआ है। ये सभी बच्चे गरीब परिवार से आते हैं। इससे यह साबित होती है कि बच्चे होशियार नही रहते बातो को झुठला दिया।
एल मिंज सर ने पालको से कहा कि पढ़ाई के लिए घर व आस-पास का माहौल पर डिपेंड करता है। पहले चिमनी के सहारे पढ़ाई करते थे लेकिन आज शासन द्वारा तमाम सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। शिक्षक के साथ ही पालक को भी अपने बच्चों के प्रति जिज्ञासा होनी चाहिए तभी शिक्षा का स्तर को सुधारा जा सकता है।
प्रभा दुग्गा जनपद सदस्य ने कहा कि बच्चे, शिक्षक व पालक के बीच की दूरी को मिटाना है। आज बच्चे अपनी समस्याओ को पालक के पास नही कह पाते है, ऐसी स्थिति निर्मित नही होनी चाहिए इसलिए माहौल व अच्छे सामंजस्य बनाने की बात कही गई।
हरेश चक्रधारी ने कहा कि अच्छी शिक्षा के लिए ग्रामीण को सामुहिक रूप से जागरूक व होना जरूरी है। भुरकीडोंगरी गांव के उदाहरण देते हुए बताया कि आभाव ग्रस्त गांव होने के बावजूद वहा प्रत्येक घर मे एक शासकीय सर्विस में है। पालक जन ध्यान रखे कि गलत चीजो को दूर रखते हुए पढ़ाई के प्रति मौहाल बनाए रखे। इनके अलावा सरपंच प्रमिला सलाम एवं मोती उइके ने भी अपने विचार रखे।
शाला प्रबंधन समिति से सुंदर लाल दुग्गा, शशि उइके, कृष्ण चक्रधारी, वही संकुल स्तर के शिक्षक-शिक्षिका दिनेश कुमार ठाकुर संकुल समन्वयक, शैलेन्द्री कुलदीप, हेमज्योति जुर्री, शनिराम कोरेटी, दीपिका देव, सुमन मंडावी, माधुरी हुपेंडी, योगेश्वर ध्रुव, देवधर ठाकुर, लोचन कुमार, प्रेमसिंह उइके, देवराज बघेल,प्रदीप विश्वास, राजीव शोरी, रशिम डोंगरे,चंद्रिका सोनी सहित संकुल स्तर के पालकगण उपस्थित रहे।