भक्ति-मुक्ति का एकमात्र रास्ता है शिव कथा- पंडित प्रदीप मिश्रा

पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिवमहापुराण कथा बताते हुए कहा कि शिवमहापुराण कथा केवल कथा नही बल्कि जीवन कि ब्यथा को बदलने वाली कथा है। शिव की कथा पैसे कमाना नही बल्कि भक्ति व मुक्ति का मार्ग की कथा है। पैसा से परमात्मा को नही पाया जा सकता, भगवान को पाने के लिए भजन कीर्तन व सत्कर्म होना चाहिए।


महाराज ने बताया कि शिव जैसे पिता शिव जैसे गुरु मिल जाये तो आपके जीवन को सार्थक बना देती हैं। पिता दुनिया का सबसे बड़ी दौलत है। जो खुद के लिए नही परिवार के लिए अपनी पूरी जीवन समर्पित कर देता है। इसलिए पिता को हमेशा खुश रखना चाहिए।

जीवन को वही सफलता की ओर ले जाती है जो कड़ी मेहनत व महादेव के प्रति अटूट विश्वास होना चाहिए। पंडाल में भक्तो के द्वारा पानी, बिस्किट इत्यादि सामाग्री बांटे जाते है। इस पर महाराज जी ने बताया कि स्कन्द पुराण में वर्णन आता है यदि रेवा तट पर शिव भक्त का मुख झुठा कर देता है तो शिवकृपा बरसती है, उनके घर मे अन्नपूर्णा का भंडार हमेशा भरा रहता है।


जिंदगी में कल क्या होगा किसी की मालूम नही होता है। मनुष्य के जीवन अच्छे कर्म से मिलती है। इसलिए अच्छे काम करना चाहिए।महाराज ने बताया कि जन्म लेना, देह धारण करना अलग विषय है, पर जीवन मे भगवान के प्रति भक्ति भजन करना अलग बात है हिरण्यकश्यप अधर्मी था जबकि उसका पुत्र प्रहलाद धार्मिक जो भगवान विष्णु का परमभक्त था।

इनके पत्र पढ़े गए
अंजू नेताम पति मुकुंद नेताम ग्राम वेवरती के पत्र पढ़कर श्री मिश्रा जी ने बताया कि पति शराबी था, जिससे घर की स्थिति अच्छी नही थी, पड़ोसियों से सीहोर वाले बाबा के कथा बताई,पहली बार आपके कथा सुनने के लिए अपने पति के साथ गुढ़ियारी रायपुर गई मैं कथा श्रवण कर विधि विधान से बाबा के पूजा अर्चना की कुछ बाद से ही पति शराब छोड़ दिया।

सुहानन्द साहू ग्राम आमाडोला ने बताया कि बच्चे 2016 से सरकारी सर्विस की तैयारी कर रहे थे लेकिन सफलता नही मिल रही थी मोबाइल के माध्यम से आपका के कथा के बारे में सुनी
मंदिर जाने एवं पशुपति व्रत Siva बाबा के कृपा से मार्च 2025 में दोनों का सरकारी सर्विस लग गई।
संगीता मंडावी ग्राम नरहरपुर एवं सुखवंतीन नेताम ग्राम कोकानपुर शादी के वर्षों बाद भी संतान नही हो रहे थे, शिव कृपा से आज सन्तान की प्राप्ति हुई है।

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