Bemetara news- बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के संबंध में सौंपा ज्ञापन

बेमेतरा। हिन्दू चेतना मंच जिला बेमेतरा के आव्हान पर मंगलवार को जिला मुख्यालय में दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर, पुराना बस स्टैड बेमेतरा में भारत के नागरिक और हिन्दू चेतना मंच के प्रतिनिधि,बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदायों पर हो रहे अत्याचारों के प्रति अपनी गहरी चिंता और विरोध व्यक्त करते हुए जन आक्रोश सभा आयोजित की गई। जिसमें बताया कि बांग्लादेश में वर्तमान में जो अत्याचार चल रहे हैं, वह न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं, बल्कि इनसे हमारे साझा सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्य भी आहत हो रहे हैं। हमारा देश भारत हमेशा से विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों और आस्थाओं का संगम रहा है। बांग्लादेश भी हमारे इतिहास, संस्कृति और समाज का एक अभिन्न हिस्सा है। फिर भी वहां पर हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदायों के खिलाफ हो रहे घृणित हमलों और अत्याचारों ने हमारी अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है। ज्ञात हो कि हाल की घटनाएं हमारे पड़ोसी देश में हुई कुछ घटनाओं ने हमें गहरे आघात पहुंचाया है। जिनमें विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों पर किए गए हमलों की एक श्रृंखला शामिल है। जिसमे पहली घटना 28 नवंबर 2024 के दिन ढाका के इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास जी के लिए महाप्रसाद लेकर जा रहे दो हिंदू श्रद्धालुओं को केवल उनके धार्मिक कर्तव्यों को निभाने के कारण गिरफ्तार कर लिया गया। दूसरी घटना 27 नवंबर 2024 को मैमनसिंह एक हिंदू दुकानदार पर हमला कर उसकी दुकान को लूट लिया गया। जिससे उसका जीवन और आजीविका प्रभावित हुई। तीसरी घटना 26 नवंबर 2024 सिराजगंज में कट्टरपंथियों द्वारा लोकनाथ मंदिर पर पेट्रोल बम फेंका गया। जिससे मंदिर को नुकसान पहुंचाया गया और हिंदू धार्मिक स्थलों पर हमला किया गया। चौथी घटना 25 नवंबर 2024 को फिर से ढाका के इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास जी को झूठे देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया, जो कि धार्मिक स्वतंत्रता और मानवीय अधिकारों का उल्लंघन था। पांचवी घटना 24 नवंबर 2024, बगेरहाट में एक हिंदू लड़की को जबरन धर्मांतरण कर आतंकी संगठन में शामिल किया गया, जो एक गंभीर अपराध है और बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध और ईसाई अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों का प्रतीक है। छठी घटना 20 नवंबर 2024, बरिसाल में हिंदू समुदाय के घरों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया। जिससे उनकी संपत्ति और सम्मान को नष्ट कर दिया गया। सातवीं घटना 19 सितम्बर 2024 सिलहट में बौद्ध और हिंदू मंदिरों को तोड़-फोड़ कर आग लगा दी गई, जो धार्मिक असहिष्णुता और सांस्कृतिक धरोहर को नष्ट करने का एक प्रयास था। इन घटनाओं में हजारों हिंदू, बौद्ध और ईसाई परिवारों को विस्थापित किया गया है और उनके धार्मिक स्थलों को तोड़ा गया है। उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमले किए जा रहे हैं, जो न केवल बांग्लादेश के संविधान और अंर्तराष्ट्रीय मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं, बल्कि हमारे समग्र मानवता के लिए भी एक खतरा हैं। उपरोक्त हुई घटना के संबंध में राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग की गई कि भारत सरकार बांग्लादेश के साथ उच्च स्तरीय कूटनीतिक वार्ता कर इस मुद्दे को हल करने के लिए कार्य करे। बांग्लादेश सरकार से यह सुनिश्चित कराया जाए कि वह हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, धार्मिक स्वतंत्रता और उनके नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए। जिन हिंदू परिवारों को उनकी जमीन और घरों से बेदखल किया गया है, उन्हें उनके मूल स्थानों पर पुर्नस्थापित किया जाए और उनकी संपत्तियों को वापस दिलाया जाए। बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों, पूजा स्थलोंऔर धार्मिक ग्रंथों की रक्षा सुनिश्चित की जाए और इन्हें अंर्तराष्ट्रीय धरोहर के रूप में मान्यता दी जाए। भारत सरकार द्वारा बांग्लादेश सरकार पर दबाव डाला जाए ताकि वहां अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और धार्मिक स्वतंत्रता को कायम रखा जा सके। अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराई जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए ताकि इस प्रकार के अपराधों की पुनरावृत्ति न हो। राष्ट्रपति से यह भी मांग यह केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं है, बल्कि यह हमारी साझा सांस्कृतिक धरोहर, धार्मिक अस्मिता और पारस्परिक सम्मान पर भी हमला है। हम आपसे निवेदन करते हैं कि इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल और ठोस कदम उठाए जाएं ताकि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों को सुरक्षा मिल सके और इन अत्याचारों को रोका जा सके। हम आशा करते हैं कि भारत सरकार इस विषय में सकारात्मक हस्तक्षेप करेगी और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाएगी। यह भी संकल्प लिया गया कि यदि हमारी मांगों को समय रहते पूरा नहीं किया गया, तो हिन्दू चेतना मंच इस आंदोलन को राष्ट्रीय और अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर जारी रखेगा। हमारा उद्देश्य किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं है, बल्कि यह एक अहिंसात्मक आंदोलन है जो मानवता, न्याय और धर्म निरपेक्षता की रक्षा के लिए समर्पित है। यह समय है जब भारत अपने पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अन्याय के विरुद्ध खड़ा हो। हमारा देश सदैव से मानवता, सहिष्णुता और न्याय का पक्षधर रहा है। हिन्दू चेतना मंच के प्रतिनिधियों ने अनुरोध करते हैं कि ज्ञापन को संज्ञान में लेकर आवश्यक कदम उठाएं ताकि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को सुरक्षा और न्याय मिल सके। उक्त कार्यक्रम में उक्त कार्यक्रम के संयोजक गोकुल प्रसाद बंजारे, सहसंयोजक डॉ नीलेश तिवारी, विभाग संघचालक डॉ कमलेश निषाद,विभाग प्रचार प्रमुख बोधी राम निषाद,जिला संघचालक राजकुमार देवांगन, जिला कार्यवाह गंगाधर यादव,साजा विधायक ईश्वर साहू, जिला भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश जोशी, पूर्व विधायक अवधेश चंदेल, राजेंद्र शर्मा, विजय सिन्हा, गुरुदयाल सिंह चावला, प्रकाश शीतलानी, ताराचंद्र माहेश्वरी, मधु राय, बृज मोहन शर्मा, द्वारिका प्रसाद डहरिया, गैदराम साहू, महादेव नेताम, सुखदेव महराज, ज्ञान प्रसाद निषाद, खोमराम साहू, प्रनीश रजक, नीलेश साहू,तरुण देवांगन, भानु प्रकाश सोनी, राजेश यादव, मेघनाथ यदु, ललित साहू, बृजेश शर्मा, रोमेंद्र सिंह ठाकुर, आशीष तिवारी,चन्दन साहू, बेमेतरा खंड विस्तारक गीतांशु साहू, जिला मीडिया संवाद प्रमुख गंगाधर चांडक, मिंटू बिसेन सहित हिन्दू चेतना मंच के प्रतिनिधि व सर्व समाज प्रबुद्ध जन सहित मातृ शक्ति उपस्थित रहे उपरोक्त जानकारी संघ के जिला प्रचार प्रमुख तामेश्वर साहू ने दी।

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