Bastar news- 7 सूत्रीय मांगों को लेकर बस्तरिया राज मोर्चा ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन एसडीएम को सौंपा

दुर्जन सिंह
बचेली। दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा तीनो जिला के मध्य स्थित तराल मेट्टा पहाड़ को आरती स्पंज द्वारा बिना ग्राम सभा सहमति के खदान उत्खनन करने एवं कड़मपाल बैनपाल के मध्य स्थित के्रशर गिट्टी खदान के लिए होने वाले लोक सुनवाई का विरोध बस्तरिया राज मोर्चा ने किया। साथ ही 7 सूत्रीय मांगो को लेकर प्रदेश के राज्यपाल के नाम ज्ञापन बचेली एसडीएम कमल किशोर को सौंपा गया।

सेामवार को बस्तरिया राज मोर्चा द्वारा एसडीएम कार्यालय पहुंच बस्तर संभाग में दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा तीनो जिला के गंभीर समस्याओ को लेकर अवगत कराते हुए ज्ञापन दिया तथा प्रदर्शन करते राज्य व केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। डीएसपी गौरव कुमारत हसीलदार जीवेश शोरी एवं बचेली थाना प्रभारी मधुनाथ धु्रव किंरदुल प्रभारी पीआर साहु अपने दलबल के साथ उपस्थित रहे। बस्तरिया राज मोर्चा ने कहा कि संभाग के तीनो जिला में हमारा देश आजाद होने के बाद भी जिला के समस्त आदिवासी आज भी पूंजीवती वर्ग व अत्याचार, अन्याय, आतंक जैसे शोषक वर्गो के गुलाम है। आदिवासियो की जल, जंगल, जमीन व आदिवासी अस्तित्व खतरे है। तीनो जिला के मध्य स्थित तराल मेट पहाड़ को आरती स्पंज कंपनी द्वारा बिना ग्राम सहमति के पहाड़ में खदान उत्खनन करने के लिए भूमि पूजन किया गया है। किनके सहमति व दिशा निर्देश पर खदान चालू करने के लिए पूजा की गई है। तत्काल इसका जांच कर भूमि पूजन करने वाले और फर्जी सहमति देने वालो को कड़ी कार्रवाई कर दंडित करते हुए फर्जी सहमति दस्तावेज प्रस्ताव को निरस्त किया जाये। जिला के कड़मपाल बैनपाल किंरदुल बस्ती के मध्य स्थित क्रेशर कुवारी गिट्टी खदान का दिनांक 28 नवंबर 2024 को किंरुदल नगर पालिका फुटबॉल मैदान में लोक सुनवाई पर्यावरण मंडल जगदलपुर द्वारा आयेािजत किया जा रहा है। उसे तत्काल निरस्त किया जाये, क्येाकि जब तक उस पहाड़ का गिट्ी खदान का रॉयल्टी तीनो गांवो के लिए आरक्षित शासन प्रशासन के द्वारा नही की जाती, तब तक के लिए गिट्टी खदान बंद रखना होगा। यह पहाड़ का खदान संपत्ति गांव वालो का है, नगर का नही है। संभाग के अंदर नक्सलवाद के नाम से फर्जी केस लगाकर निर्दोष आदिवासियो केा जेलो में बंद रखा गयाहै। उन्हे दोष मुक्त नि:शर्त रिहाह किया जाये और आदिवासियेा को शक के तौर पर पुलिस प्रशासन द्वारा प्रताडि़तत किया जाता है, उसे तत्काल बंद किया जाये। संभाग के अंदर बसे अज्ञात लोगो का जांच किया जाये। बस्तर संभाग आदिवासयिो का बहुल व पंाचवी अनुसूची क्षेत्र है। क्षेत्र में आदिवासियो की जल, जंल, जमीन को गैर आदिवासियो को खरीदी बिक्री वर्जित है और जो लोग आदिवासियो को चंगुल में फंसाकर जमीन ले रहे ह ैउन पर कार्रवाई हो। गांव की पारंपरिक नक्शा के अनुसार गांव के नाम से पट्टा दिया जाये। दूरस्थ गावो में महिलाओ को पद में आरक्षित कर पद देने के कारण गांव के विकास कार्य नही हो पा रहा है क्योकि महिलाएॅ जनहित व विकास कार्य के प्रति भाग दौड़ करने में असफल है। इसलिए गांवो में पढ़े-लिखे शिक्षित पुरूष वर्ग को ही पंचायत पदो में पदा आरक्षित किया जाए। नगर व शिक्षित क्षेत्र में महिलाएॅ काम कर सकती है पर दूर अचंल गांवा में नही है। उपरोक्त सभी 7 मांगो ज्ञापन में शामिल है।

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