न्यायधानी में गूंजेगा बांसगीत…100 कलाकार एक साथ छेड़ेंगे तान

                           बांस गीत गाथा अकादमी छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ. सोमनाथ यादव (पूर्व अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग आयोग छत्तीसगढ़ शासन) ने बताया कि छत्तीसगढ़ की पुरातन कला बांस गीत यादवी संस्कृति का प्रतीक है जिसे बांस के पोली नली से निर्मित वाद्य को फूंककर वादक पुरुष स्वर निकालता है और साथी कलाकर यादवों की सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक चरित्रों को गाथा के रूप में प्रस्तुत करते है वहीं सहयोगी कलाकार ठेही (हुंकार) देता हैं। 7 दिसंबर को आयोजित कार्यक्रम में सौ बांस गीत कलाकारों का अभिनव आयोजन पहली बार होगा जिसमें बिलासपुर संभाग के विभिन्न क्षेत्रों के बांस गायक और वादक कलाकार शामिल होंगे और वीर लोरिक पर केंद्रित प्रसंग को गीत और बांस वाद्य के माध्यम से एक साथ प्रस्तुति देंगे।

      इस समारोह को सुव्यवस्थित आयोजित करने हेतु कल मुंगेली में रामशरण यादव, पूर्व महापौर बिलासपुर की अध्यक्षता में बांस गायक और वादक कलाकारों के साथ बैठक सम्पन्न हुई मुंगेली जिला सहित बिलासपुर संभाग परिक्षेत्र से आए हुए विभिन्न बांस गीत कलाकारों के साथ बैठक में बांस गीत गाथा अकादमी के बिलासपुर शाखा अध्यक्ष नीरज यादव, मुंगेली शाखा अध्यक्ष श्रीराम सीरिया यादव, श्री हरि गुड्डू यादव , बांस गीत गाथा अकादमी के महासचिव संतोष कुमार यादव, कलाकार अशोक यादव, हंसराम यादव देवान, बड़कू यादव देवान,ओमप्रकाश यादव गौंटिया ,लाला यादव, माखन यादव, श्यामू यादव, शिवराज यादव, संतोष यादव, रज्जू यादव, बिल्लू जलेश्वर यादव, संतराम यादव, यशपाल यादव, विजय यादव, सहित अन्य कलाकार व यादव बंधु उपस्थित थे।

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