रमेश गुप्ता
B.M. Shah Hospital : सिर में गंभीर चोट 50 दिन तक रहे हॉस्पिटल में, धरती के देवता ने बचाई जान.. पढ़िए पूरी खबर
B.M. Shah Hospital : भिलाई.. सिर में गंभीर चोट एवं बेहोशी की हालत में किसी दूसरे हॉस्पिटल से खुर्सीपार निवासी नित्यानंद तिवारी उम्र 48 वर्ष परिजन बी. एम. शाह अस्पताल में 4 जुलाई को भर्ती कराया मरीज की स्थिति को देखते हुए मरीज को वेंटिलेटर में रखा गया !
B.M. Shah Hospital : उसके बाद जांच कराई गई, सी.टी. स्कैन द्वारा यह पता चला के मरीज के सिर में गंभीर चोट है मरीज को बचाना मुश्किल है, सभी आपातकालीन दवाइयां चालू की गई, मरीज के परिजन का धैर्य और विश्वास इलाज में लगी ट्रॉमा टीम के लिए काफी मददगार रहा , लगातार परिजनों को काउंसलिंग होती रही !
B.M. Shah Hospital : मरीज तकरीबन 40 दिन तक वेंटिलेटर में आई.सी. यू की ट्रॉमा टीम की देखरेख में रहा । और धीरे-धीरे मरीज की स्थिति में सुधार होने लगा । तकरीबन 50 दिन अस्पताल में रहने के बाद 23 अगस्त को मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया।
B.M. Shah Hospital : डॉ. अनिंदो राय ( न्यूरो सर्जन ) ने बताया कि मरीज काफी क्रिटिकल कंडीशन में हमारे पास आया था, सिर में गहरी चोट थी। जिसे मेडिकल भाषा में डिफ्यूज एक्सोनल इंजुरी कहा जाता है। ऐसे मरीज के बचने की संभावना बहुत कम रहती है।
इसके लिए स्पेशल आई.सी.यू. की ट्रामा टीम के केयर और प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ की जरूरत पड़ती है। जो हमारे हॉस्पिटल में उपलब्ध है। हमारी टीम ने पूरी कोशिश की और परिवार जनों का भरोसा रहा, जिससे मरीज को हम बचा पाए।
B.M. Shah Hospital : बी.एम. हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. जय तिवारी ने बताया कि मरीज काफी गंभीर हालत में हॉस्पिटल में एडमिट हुआ हमारी ट्रॉमा टीम आईसीयू की टीम ने मिलकर मरीज की इलाज किया स्थिति काफी गंभीर परिवार जनों ने धैर्य का परिचय दिया !
जिससे हमें इलाज करने में दिक्कत नहीं हुआ और आज मरीज को हम डिस्चार्ज किया इसके लिए सर्जन और सभी इमरजेंसी स्टाफ बधाई के पात्र हैं।
B.M. Shah Hospital : डॉ. अरुण मिश्रा डायरेक्टर ऑपरेशन ने कहा कि मैडम डॉक्टर कोई भगवान नहीं होता वो मेडिकल की पढ़ाई करते हैं, और मरीज को बचाने के लिए अपना 100% लगाता है, सिर की चोट अलग-अलग होती है, सभी मरीज क्रिटिकल कंडीशन पर आते हैं !
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किसी- किसी मरीज को हम नहीं बचा पाते, हमारे पास आई.सी.यू.की कुशल टीम के साथ फुल टाइम न्यूरो सर्जन इंटेंसिविस्ट की सुविधा उपलब्ध है। हमारी टीम और बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है।
नित्यानंद तिवारी जैसे मरीज जब ठीक हो कर घर जाते हैं तो परिवार जनों के साथ हम सब को भी बहुत खुशी होती है।
पीयूष तिवारी मरीज का बेटा ने कहा कि मैं पिताजी को बेहोशी की अवस्था में बी .एम. शाह अस्पताल में भर्ती कराया मेरे पिताजी को आते ही वेंटीलेटर में रखा, सीटी स्कैन की गई और हमें बताया गया, कि सिर में इतनी गहरी चोट आई है बचना मुश्किल है ।
हमें तो ऐसा लगा था के अब हम क्या करें । लेकिन यहां के डॉक्टर स्टाफ मैनेजमेंट टीम ने विश्वास दिलाया कि धैर्य रखिए जो होगा अच्छा होगा प्रतिदिन हमारी काउंसलिंग होती रही।
मैं धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर और ईश्वर के ऊपर सब कुछ छोड़ कर दिन प्रतिदिन इंतजार करता रहा और तब जाकर 50 दिन बाद मेरे पिताजी को हम रिचार्ज करा कर ले घर ले जा रहे ।
पीयूष तिवारी ने कहा कि बी.एम.शाह हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जन डॉ अनिंदो रॉय एवं उनकी टीम का तहे दिल से शुक्रिया इनकी वजह से मेरे पिताजी को नया जीवन मिला है।