अयोध्या इस बार दीपोत्सव के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक मंच के रूप में जगमगा उठी है। यहां पहली बार एक भव्य अंतरराष्ट्रीय रामलीला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें रूस, थाईलैंड, इंडोनेशिया, नेपाल और श्रीलंका के कलाकार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की लीलाओं का मंचन कर रहे हैं।
यह आयोजन अयोध्या को न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र बना रहा है, बल्कि इसे विश्व स्तर पर सांस्कृतिक पर्यटन के हब के रूप में भी स्थापित कर रहा है।
रूस से आए 15 कलाकार रामलीला के दौरान सीता स्वयंवर का दृश्य प्रस्तुत करेंगे। उनकी प्रस्तुति में रूस की पारंपरिक रंगमंचीय तकनीक और भारतीय कथा शैली का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देगा। इन कलाकारों ने इस मंचन की तैयारी के लिए कई महीनों तक अभ्यास किया है।
रूस से आए एक कलाकार ने कहा,
“लक्ष्मण का किरदार निभाना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। भारतीय परंपराओं को करीब से जानने और सीखने का अनुभव अद्भुत रहा। मैं इस मंचन को लेकर बेहद उत्साहित हूं।”
अयोध्या अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के सलाहकार और विशेष कार्याधिकारी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि यह अंतरराष्ट्रीय रामलीला 17 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक आयोजित की जा रही है।
उन्होंने कहा,
“इस आयोजन का उद्देश्य न केवल रामलीला की गौरवशाली परंपरा को जीवंत रखना है, बल्कि भारतीय संस्कृति और उसके मूल्यों को विश्व मंच पर स्थापित करना भी है।”
इस भव्य आयोजन के साथ अयोध्या सचमुच “विश्व की सांस्कृतिक राजधानी” के रूप में उभर रही है।