Arogyam Hospital : आरोग्यम अस्पताल – 4 अगस्त को निशुल्क किडनी जांच शिविर का आयोजन

Arogyam Hospital :

रमेश गुप्ता

Arogyam Hospital : आरोग्यम अस्पताल – 4 अगस्त को निशुल्क किडनी जांच शिविर का आयोजन

Arogyam Hospital : भिलाई.. आज दुर्ग जिले में ही दो से तीन हजार लोगों को डायलिसिस हा रहा है। किडनी की बिमारी से बचा जा सकता है। डायबिटिज के मरीज ब्लड प्रेशर के मरीज, पैरो में सूजन, सांस लेने में तकलीफ और भूख न लगना जैसे मरीजों को अपनी किडनी की जांच अवश्य करानी चाहिए।

Arogyam Hospital : कादम्बरी नगर नेशनल हाईवे पर स्थित आरोग्यम अस्पताल के एमडी मेडिसीन व डीएम नेप्रोलॉजी डॉ. आर के साहू ने आयोजित पत्रवार्ता मे के दौरान उक्त बातें कहीं उन्होंने कहा 4 अगस्त को सुबह 10 बजे से 1 बजे तक निशुल्क जांच शिविर का आयोजन किया जा रहा है !

Arogyam Hospital : इस शिविर के संबंध में डॉ साहू ने बताया कि किडनी हमारे शरीर का अहम् अंग है। किडनी रोग से जुड़े भ्रम एवं हकीकत किडनी फैल्पर की स्थिति में एक ही किडनी खराब होती है। जब तक दोनों किडनी खराब ना हो शरीर में कोई भी लक्षण नहीं दिखता क्योंकि केवल एक किडनी शरीर का सारा विषैले तत्व को बाहर निकालने में सक्षम होती है।

डॉ. साहू ने बताया कि किडनी के सभी रोग गंभीर होते है। किडनी के सभी रोग गंभीर नहीं होते, ज्यादातर मामलों में रोग की शुरुवाती स्तर पर यदि पहचान हो जाए व इलाज ले तो रोग को गंभीर होने से रोक सकते हैं।

Arogyam Hospital : उन्होंने यह भी कहा कि हमारे समाज में डायलिसिस के प्रति ये भ्रम फैला हुआ है, कि अगर किसी का डायलिसिस होता है तो उसकी मृत्यु कुछ समय बाद डायलिसिस से हो जाती है, लेकिन यह सत्य नहीं है, जब किसी मरीज की किडनी सुचारू रूप से काम नहीं करती तो विषैले तत्व हमारे शरीर में जमा होने लगते है !

जिससे हमारे शरीर के दूसरे अंग भी धीरे धीरे काम करना बंद कर देते है, ऐसे में डायलिसिस एक कृत्रिम किडनी है जो हमारे शरीर के सारे विषैले तत्वों को निकालने में सहयोग करती है। जिससे बाकी अंग अच्छे तरीके से काम कर सके।

अगर किसी किडनी के मरीज को डायलिसिस की जरूरत हो और अगर यह डायलिसिस ना कराये तो उसके दूसरे अंग जैसे मस्तिष्क, हृदय, फेफड़े, लिवर जैसे अंग भी काम करना बंद कर सकते है और मरीज को बेहोशी, सांस में तकलीफ, उल्टी, मिर्गी के दौरे, छाती में दर्द, हार्ट अटैक, स्ट्रोक जैसे गंभीर बीमारी के साथ साथ मृत्यु की भी संभावना बढ़ जाती है। ऐसे ही कुछ भ्रम के बारे में जो लोगों के जहन में रहते हैं।

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एक बार डायलिसिस कराने पर बार बार डायलिसिस करने की आवश्यकता पड़ती है। अगर किडनी का प्रॉब्लम एक्यूट है तो कुछ डायलिसिस के बाद डायलिसिस बंद हो सकता है जब किडनी अपना काम सुचारु तरीके से करने लगेए अगर क्रोनिक है तो डायलिसिस लम्बे समय तक है। उन्होनें कहा कि उच्च रक्तचाप व मुधमेय रोगियों को समय-समय पर जांच करनी चाहिए।

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