Anicut छत्तीसगढ़ में ‘चमत्कार’ से कम नहीं ये जगह, अल्प बारिश में ही धरासाई हुआ एनीकट
Anicut बैकुंठपुर – छत्तीसगढ़ में कोरिया जिले की ये जगह किसी ‘चमत्कार’ से कम नहीं है, जहां बनने वाले एनीकट हल्की बारिश में ही फूट जाने का मामला सामने आया है।
बात हो रही है छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में स्थित मनेन्द्रगढ़ वन मंडल कार्यालय से 35 किमी दूर स्तिथ बिहारपुर वन परिक्षेत्र के गरुडोल सर्किल अंतर्गत जिले के विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्य तो कराए जा रहे हैं।लेकिन आए दिन ये काम गुणवत्ता को लेकर सुर्खियों में रहते हैं।
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Anicut इलाके के लोगों की मानें तो निर्माण कार्यों में अनियमितता बरती जा रही है। यहां चर्चा आम हो गई है कि बिना तकनीकी विशेषज्ञों की सलाह के अधिकारी ही अपनी मर्जी से विभिन्न कार्यों का डिजायन बनाकर काम करा लेते हैं, जिससे इनमें जल्दी ही खराबी आ जाती है।
Anicut ताजा मामला मनेन्द्रगढ़ वन मंडल अंतर्गत बिहारपुर परिक्षेत्र में लगभग 18 लाख की लागत से बने एनीकट निर्माण कार्य का है। आम जनता के साथ जंगली जानवरों को पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यहां एनीकट का निर्माण कार्य तो कराया गया, लेकिन कुछ दिन पहले हुई बेमौसम हल्की बारिश से इस एनीकट की दिवार फूट गई।
Anicut जो अब हवा में लटक रहा व पानी भी बह रहा और अब यह एनीकट भविष्य में शो पीस बनकर न रह जाये यह ग्रामीणों में जन चर्चित हैं । हालांकि अब अधिकारी इसे मरम्मत कर जल्द ही ठीक करने की बात कर रहे हैं।
Anicut आपको बता दे की मनेंद्रगढ़ सब डिवीजन में प्रभारी रेंजर द्वारा वन विभाग के निर्माण कार्यों में बड़े पैमाने पर अनियमितता की बात जिस तरह से सामने आते रहती है और बड़े बड़े गंभीर कारनामों के बाद भी शासन प्रशासन द्वारा कार्यवाही से बख्श दिए जाते रहें है।
जिसका परिणाम यह देखने को मिल रहा है की मनेंद्रगढ़ के बीहड़ वन क्षेत्रों में आज भी बड़े बड़े अनियमितता देखने को मिल रहे हैं।
Anicut ताजा मामला बिहारपुर वन परिक्षेत्र के गरुडोल सर्किल से है जहां पर लाखो रुपए खर्च कर सीमेंट कांक्रीट द्वारा निर्मित एनिकट का निर्माण विहारपुर वन परिक्षेत्र के प्रभारी रेंजर द्वारा 5 माह पहले ही कराया गया था और जिसकी गुणवत्ता इतनी चमत्कारी थी की आकालगस्त या फिर खंड वर्षा मात्र से ही धराशाई हो चुका है !
अवगत करा दे की प्रत्येक वर्ष नरवा योजना अंतर्गत वन विभाग द्वारा एनिकट व नरवा के भराव की स्थिती का विवरण बतौर कक्ष क्रमांक सहित शासन को भेजी जाती है ताकि शासन को ये पता चल सके की नरवा योजना कहां तक सफल है जिसके मद्देनजर कई नरवों का वीडियो या विवरण मनेंद्रगढ़ वन मंडल द्वारा भेजे जाने की तैयारी की गई। परंतु इस एनिकट के डिटेल्स को सम्मिट इस लिए नही किया गया ताकि इनके भ्रष्टाचार की पोल न खुल जाए।
मौका मुआयना पश्चात एनिकट में हुए भ्रष्टाचार की बात पर बिहारपुर के प्रभारी रेंजर संखमुनी पांडेय से उनकी प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा मैं देखवाता हूं और जब उस कार्य की लागत राशि की बात पूछी गई तो उनके द्वारा लागत राशि नही बताई गई !
उसके साथ कक्ष क्रमांक की भी जानकारी पूछी गई तो उसे भी इस लिए नही बताया गया की भ्रष्टाचार किए गए स्थल पर मीडिया ना पहुंच सके और भ्रष्टाचार सार्वजनिक न हो पाए इसलिए बार बार हर पहलू पर जानकारी देने से मुकरते रहे।जबकि रेंजर के पास उसके रेंज अंतर्गत कराए गए कार्यों की सूची, लागत राशि, कार्य की स्थिती,सहित समस्त की जानकारी और दस्तावेज उपलब्ध होते है।
भ्रष्टाचार की भेट कैसे चढ़ा एनिकट
बिहारपुर वन परिक्षेत्र के गरुडोल सर्किल की पूर्वी दिशा की ओर कनईडांड ग्राम के पहले हसदेव नदी तट पर करीब पांच महीने पहले एक बड़ा सीसी एनिकट बनाया गया था जिसकी आज की वर्तमान स्थिति का खुलासा करें तो भ्रष्टाचार के सारे खेल उजागर होते है जिसे वन विभाग के पेशेवर अधिकारी पहुंच विहीन बिहड़ों में अंजाम देने का कृत्य करते है।