श्री जैतू साव मठ में कल मनाई जाएगी आवंला नवमी…लगाया जाएगा भगवान लक्ष्मीनारायण को भोग

अजय तिवारी एवं पुजारी सुमित तिवारी ने बताया कि अक्षय नवमी को आंवला नवमी भी कहते हैं, जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है।

इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और आंवले के पेड़ की पूजा की प्रथा है, क्योंकि माना जाता है कि आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु निवास करते हैं। इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों से अक्षय पुण्य मिलता है, इसलिए इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है।

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