छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन को बिजली विनियामक आयोग का चेयरमैन बनाया जा सकता है. उनका तीन महीने का एक्सटेंशन इस महीने समाप्त हो जाएगा. बिजली विनियामक आयोग चेयरमैन हेमंत वर्मा ने इस्तीफा दिया था. जिसके बाद इस पद के लिए अमिताभ जैन समेत कई सीनियर अधिकारियों के नाम की चर्चा चल रही थी.
मुख्य सचिव अमिताभ जैन का एक्सटेंशन इस माह समाप्त हो रहा है. रिटायरमेंट के बाद उन्हें पहले मुख्य सूचना आयुक्त बनाने की बात हो रही थी लेकिन सूचना आयोग में नियुक्ति का मामला हाई कोर्ट में लंबित है. इसके बाद श्री जैन को रेरा की जिम्मेदारी सौंपने की बात चल रही थी.
अब प्रशासनिक गलियारे से खबर आ रही है कि सरकार अपने अनुभवी और भरोसेमंद अधिकारी अमिताभ जैन को बिजली विनियामक आयोग का चेयरमैन बना सकती है.
हालंकि इसका चयन हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय कमेटी करती है. चीफ सिकरेट्री और केंद्रीय बिजली प्राधिकरण के चेयरमैन मेंबर होते हैं. प्रक्रिया के अनुसार पहले चेयरमैन पद के लिए ऊर्जा विभाग विज्ञापन निकालता है. इस पद के लिए 65 साल से कम उम्र के अखिल भारतीय सेवा के रिटायर्ड अधिकारी और एक्सपर्ट आवेदन कर सकते हैं. फिर दावेदारों का इंटरव्यू लेती है.
राज्य विद्युत नियामक आयोग का चेयरमैन पद बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. यह संवैधानिक पद है, जिसे सरकार बदलने के बाद भी हटाया नहीं जा सकता. चेयरमैन का कार्यकाल 5 साल का होता है. बिजली दरों के निर्धारण से लेकर उपभोक्ता हितों की सुरक्षा और बिजली कंपनियों की जवाबदेही तय करने जैसे अहम फैसले इसी आयोग से लिए जाते हैं. ऐसे में चेयरमैन की कुर्सी खाली होने के बाद अब सभी की निगाहें सरकार की अगली नियुक्ति पर टिकी हुई हैं.