एयरबस ने A320 सीरीज में खामी मिलने पर दुनियाभर के 6 हजार जेट्स की तुरंत मरम्मत का आदेश दिया

नई दिल्ली। एयरबस ने फ्लाइट-कंट्रोल सॉफ्टवेयर में गंभीर तकनीकी गड़बड़ी सामने आने के बाद दुनियाभर में लगभग 6,000 A320-सीरीज जेट विमानों की तत्काल सुरक्षा जांच और मरम्मत का आदेश दिया है। बीबीसी के अनुसार, प्रभावित विमानों में A318, A319, A320 और A321 मॉडल शामिल हैं, जिन पर सॉफ्टवेयर अपडेट के चलते कई जगह उड़ानों में रुकावट देखी गई।

यह खामी तब उजागर हुई जब इंजीनियरों को पता चला कि सूरज से आने वाला कॉस्मिक रेडिएशन विमान के ऊंचाई संबंधी डेटा को कंट्रोल करने वाले कंप्यूटर में दखल डाल सकता है। अक्टूबर में अमेरिका और मेक्सिको के बीच उड़ान भर रही जेटब्लू की फ्लाइट इसी समस्या के कारण अचानक ऊंचाई खो बैठी थी और उसे इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। घटना में 15 यात्री घायल हुए थे।

भारत में कुल 338 विमानों पर इसका असर हुआ है, जिनमें से 270 का सॉफ्टवेयर अपडेट पूरा कर लिया गया है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन के मुताबिक दुनियाभर में हजारों फ्लाइट्स को अस्थायी रूप से ग्राउंड करना पड़ा। एयरबस ने बताया कि अधिकांश विमान तीन घंटे के सॉफ्टवेयर अपडेट से ठीक हो जाएंगे, जबकि करीब 900 पुराने जेट में हार्डवेयर बदलने की आवश्यकता होगी।

यूरोप, ब्रिटेन और अमेरिका के रेगुलेटर्स द्वारा इमरजेंसी एयरवर्दीनेस डायरेक्टिव जारी किए गए हैं। इनके तहत प्रभावित विमानों को केवल बिना यात्रियों के फेरी फ्लाइट की अनुमति है। एयरलाइंस ने बताया कि अपडेट के बाद कई विमान वापस सेवा में लौट चुके हैं और बड़े एयरपोर्ट्स पर केवल मामूली विलंब दर्ज किया गया।

एयरबस ने कहा कि यह कदम एहतियाती तौर पर उठाया गया है, ताकि वैश्विक सुरक्षा मानकों को बनाए रखा जा सके। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति भले ही दुर्लभ हो, लेकिन यह दर्शाती है कि कॉस्मिक रेडिएशन किस तरह आधुनिक फ्लाई-बाय-वायर तकनीक वाले विमानों को प्रभावित कर सकता है।

एविएशन विशेषज्ञ हर्षवर्धन ने कहा कि गड़बड़ी समय रहते पकड़ में आ गई, जिससे बड़ी दुर्घटना टल गई। उनके अनुसार, एलिवेटर और कंट्रोल सिस्टम में खराबी आने पर विमान अचानक नीचे आ सकता है और कई बार पायलट का नियंत्रण भी कम हो जाता है। उन्होंने कहा कि सिस्टम अपने आप स्थिर होकर घटनाओं को संभाल पाया, अन्यथा खतरा बढ़ सकता था।

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