Agricultural Experts : गेंहू और सरसों फसल की निगरानी बढ़ाने किसानों को सलाह

Agricultural Experts :

राजकुमार मल

 

Agricultural Experts : गेंहू और सरसों किसान ध्यान दें

 

Agricultural Experts : मौसम है पीला रतुआ रोग और चेपा कीट का, दीमक भी तैयार

 

 

Agricultural Experts : भाटापारा-मौसम है पीला रतुआ रोग और चेपा कीट का, जिसकी नजर में गेहूं और सरसों आ चुकी है। करीब के ही खेत में 25 दिन की उम्र पूरी कर रही गेहूं की वह फसल भी है, जिस पर प्रवेश के लिए दीमक तैयार हैं।

बे-मौसम बारिश के बाद, बोई गई सरसों और गेहूं की फसल अब उस अवस्था में पहुंच रही है, जब नुकसान पहुंचाने वाले रोग एवं कीट, प्रवेश के लिए मौका खोज रहे होते हैं। लिहाजा कृषि वैज्ञानिकों ने विलंब से बोई गई फसलों की निगरानी बढ़ाने की सलाह दी है। साथ ही कीट प्रबंधन के लिए कुछ जरूरी उपाय भी सुझाए हैं, जिसकी मदद से किसान अपनी फसल बचा सकेंगे।

गेहूं किसान ध्यान दें

 

Agricultural Experts :  विलंब से बोनी, कई व्यावहारिक परेशानी की वजह बनती है। गेहूं की ऐसी फसल जिसकी उम्र 21 से 25 दिन की हो चुकी है तो समय है पहली सिंचाई का। चार दिन बाद नाइट्रोजन का छिड़काव करें। सही समय है दीमक के प्रकोप का। नजर आने पर क्लोरपयॎरीफाॅस का छिड़काव करें। 2 लीटर प्रति एकड़ के मान से यह कीटनाशक, 20 किलो रेत में मिलाकर शाम के वक्त छिड़काव करना होगा।

रतुआ रोग और चेपा गेहूं एवं सरसों में

 

Agricultural Experts : बेहद नुकसान पहुंचाने वाले माने जाते हैं रतुआ रोग और चेपा कीट, गेहूं एवं सरसों की फसल के लिए। विलंब से बोई गई फसल को यह निशाना बनाते हैं। कीटनाशक दवाइयों के छिड़काव के जरिए काबू में आते हैं लेकिन खरपतवार नियंत्रण सबसे ज्यादा प्रभावी उपाय माने गए हैं, लिहाजा गेहूं एवं सरसों किसान, लक्षण नजर आते ही गेहूं तथा सरसों की फसल में तैयार हो रहे खरपतवार नियंत्रण का प्रबंधन करें।

सब्जी फसल में यह कीट

 

झुलसा। यह कीट आलू और टमाटर पर हमला करता है। मौसम का साथ मिल रहा है इसलिए तैयार यह भी है। काबू के लिए कार्बडिजम या डाइथेन का छिड़काव करें। मटर की फलियों की संख्या बढ़ाने में यूरिया को बड़ा मददगार माना जाता रहा है, इसलिए यूरिया का छिड़काव मानक मात्रा में किसान कर सकते हैं।

कृषि विशेषज्ञों से संपर्क करें

 

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Agricultural Experts : पिछले दिनों मौसम में बनी लगातार नमी पीला रतुआ रोग एवं चेपा कीट के पनपने के लिए अनुकूल स्थिति निर्मित कर रही है। अतः फसलों पर लक्षण दिखाई देने पर तुरंत कृषि विशेषज्ञ से संपर्क कर उचित उपचार करें।

डॉ.  अर्चना केरकेट्टा, सहायक प्राध्यापक (कीट विज्ञान), बीटीसी कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर

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