:राजकुमार मल:
भाटापारा- शुरुआत 8000 रुपए से, अंत 9200 रुपए क्विंटल पर। हैरत में डाल गई विष्णुभोग धान की यह कीमत। खरीदी जिस तेवर में हो रही है, उससे यह धारणा बनती नजर आ रही है कि देर-सबेर धान की
यह प्रजाति कीमत का नया रिकॉर्ड बना सकती है।

होता रहा है निर्यात विष्णुभोग चावल का लेकिन पहली बार खाड़ी देशों की मांग विष्णुभोग चावल में दोगुनी के करीब पहुंची हुई है क्योंकि प्रमुख उत्पादक राज्यों में पहली बार छत्तीसगढ़ को प्राथमिकता मिल रही है।
इसलिए विष्णुभोग उत्पादक किसानों को जोरदार भाव मिल रहा है। जैसी डिमांड और भाव बोले जा रहे हैं, उससे स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि कीमत 10 हजार रुपए क्विंटल पर जा सकती है।
तेज शुरुआत, तेज अंत
30 जुलाई 2025। दिन बुधवार। कृषि उपज मंडी प्रांगण में उपज बेचने आए किसान विष्णुभोग धान में बोली गई इस कीमत को सुनकर हैरत में आ गए। हैरानगी कारोबारियों और मिलरों में भी देखी गई क्योंकि प्रतिस्पर्धात्मक खरीदी के बीच बोली गई कीमत का अंदाजा भी नहीं था।
शुरुआत 8000 रुपए क्विंटल से हुई थी। अंतिम बोली 9200 रुपए क्विंटल पर लगी। संभावना 10000 रुपए क्विंटल तक जाने की व्यक्त की जा रही है।

इसलिए आ रही तेजी
खाड़ी देशों का रुझान अब बासमती की बजाय विष्णुभोग की ओर बढ़ रहा है लेकिन इस प्रजाति के धान की व्यावसायिक खेती करने वाले राज्य पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार में बीते खरीफ में ली गई फसल बेहद कमजोर थी।
ऐसे में अब छत्तीसगढ़ मजबूत सहारा बन रहा है लेकिन मांग के अनुरूप धान का नहीं मिलना तेजी को बल दिए हुए है।
यहां से हो रही आवक
बारीक धान की बोनी का रकबा भले ही घट रहा हो लेकिन सरगुजा, कोरबा और मुंगेली के किसान विष्णुभोग धान की फसल की बोनी को लेकर गंभीर हैं।

फसल तैयार करने के लिए जिस प्रबंध कौशल की जरूरत अहम मानी जाती है, उसे लेकर इन जिलों के किसानों की गंभीरता ने इस प्रजाति की गुणवत्ता को बरकरार रखा हुआ है। परिणाम सामने है 8000 से 9200 रुपए क्विंटल के रूप में।