:राजकुमार मल:
भाटापारा- फिलहाल 80 से 120 रुपए। संभावना 200 रुपए किलो की क्योंकि जैम, जेली और कतरी बनाने वाली यूनिटों ने छत्तीसगढ़ से करौंदा की खरीदी चालू कर दी है। ऐसी इकाइयां भी रुझान दिखा रहीं हैं, जो पैक्ड अचार और चटनी बनाती हैं।

फसल भले ही सामान्य बताई जा रही हो लेकिन कीमत असामान्य रूप से बढ़ते क्रम पर है। यह इसलिए क्योंकि मांग क्षेत्र इस बार बढ़ा हुआ है। घरेलू उपभोक्ता की खरीदी अपनी जगह पर बनी हुई है। ऐसी स्थिति में परंपरागत उपभोक्ता क्षेत्र को अपेक्षित मात्रा की खरीदी के लिए असामान्य कीमत देनी होगी।
यह हैं बड़े खरीददार
कतरी, जैम, जेली, कैंडी और नेचुरल कलरेंट। बड़ी मांग वाले क्षेत्र हैं। इनमें कतरी बनाने वाली यूनिटें बड़ी मात्रा में करौंदा की खरीदी करती है क्योंकि पान की दुकानों से पूरे साल कतरी की मांग निकलती है। कैंडी में पहली बार बढ़त देखी जा रही है। इसलिए यहां से निकल रही मांग की मात्रा लगभग दोगुनी बताई जा रही है।
रुझान इनका
अचार, चटनी और मुरब्बा। पैकिंग में बनाने वाली यूनिटों का रुझान इस वर्ष ज्यादा महसूस किया जा रहा है। इसके अलावा चूर्ण बाजार से भी मांग निकल रही है। पसंद आते स्वाद को देखते हुए आइसक्रीम कंपनियां इसके पल्प से करौंदा आइसक्रीम पर काम कर रहीं है। यानी बहुत जल्द ऐसी आइसक्रीम दस्तक दे सकती है।

मिले यह मेडिशनल प्रॉपर्टीज
करौंदा में आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम, सोडियम, सल्फर, फाइबर, फास्फोरस की मात्रा का होना पाया गया है। एनाल्जेसिक और एंटीऑक्सीडेंट जैसे तत्व इसे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी बनाते हैं। सेवन से दर्द, कब्ज और दस्त जैसी आम बीमारियां दूर की जा सकतीं हैं। मधुमेह और मिर्गी जैसी स्वास्थ्यगत समस्याएं भी दूर की जा सकतीं हैं।
सेहत के लिए है फायदेमंद
करौंदा एक स्वास्थ्यवर्धक फल है, जो अपने खट्टे-मीठे स्वाद के लिए पसंद किया जाता है। यह फल विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंटस, फाइबर्स और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद है। इसका नियमित सेवन स्वास्थ्यगत बीमारियों को दूर कर शरीर को संतुलित और स्वस्थ रहने में मदद करता है।
अजीत विलियम्स, साइंटिस्ट (फॉरेस्ट्री), बीटीसी कॉलेज ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड रिसर्च स्टेशन, बिलासपुर