:राजकुमार मल:
भाटापारा- चना फिलहाल शांत है 6000 क्विंटल पर लेकिन त्यौहारी मांग की संभावना को देखते हुए हल्की तेजी की धारणा बनती देखी जा रही है। शेष दलहनों में स्थिरता का रुख बना हुआ है।

अब दीपावली के लिए तैयार हो रहीं हैं बेसन उत्पादक इकाईयां, तो दलहन किसानों ने भी बाजार की खोज-खबर लेनी चालू कर दी है लेकिन जैसे भाव बोले जा रहे हैं उसे सुनकर अनिच्छुक हैं किसान उपज बेचने के लिए, पर जरूरतों को देखते हुए आवक की गति को बनाए हुए हैं।
6000 रुपए क्विंटल
चना फिलहाल 6000 रुपए क्विंटल पर शांत है लेकिन दीपावली की तैयारी बेसन बनाने वाली इकाईयों ने चालू कर दी है। इसे देखकर तेजी की धारणा बनती नजर आ रही है। साथ ही बटरी 3800 से 4000 क्विंटल और 3200 से 3500 रुपए क्विंटल पर चल रहे तिवरा को भी अच्छी डिमांड का इंतजार है। कुछ ऐसी ही आस अरहर में भी बनती नजर आ रही है, जो 6000 से 6500 रुपए क्विंटल पर स्थिर है।
तेजी से दूर गेहूं
2400 से 2500 रुपए क्विंटल। गेहूं में बोली जा रही यह कीमत स्थिरता का संकेत दे रही है क्योंकि सरकारी भंडारण भरपूर है, तो किसानों ने भी अच्छी मात्रा में भंडारण किया हुआ है। घरेलू मांग भी पूर्ववत स्तर पर कायम है। इसलिए तेजी की धारणा से गेहूं को फिलहाल दूर माना जा रहा है। हल्की मांग बोनी के दिनों में आएगी, जिसमें अभी 3 माह का समय है।

विष्णु भोग अभी भी शिखर पर
लोकल ही नहीं, अंतरप्रांतीय मांग भी है विष्णु भोग चावल में। इसलिए मंडी प्रांगण में पहुंच रही यह प्रजाति 6700 क्विंटल जैसी ऊंचाई पर मजबूत है। टूट की धारणा बिल्कुल नहीं है। सियाराम भी 3000 से 3500 रुपए क्विंटल पर स्थिर है जबकि एचएमटी की आवक नहीं है। इधर मोटा धान में महामाया 1500 से 2200 रुपए क्विंटल पर नीलाम हो रहा है। स्वर्णा की आवक फिलहाल शून्य है।
