आखिर चिल्हर जा कहां रहा है चिल्हर…कमी की वजह से जनता और नगारिक दोनों परेशान


तत्कालिक तौर पर इन सिक्कों के लेनदेन व विवाद से बचने कुछ लोगों ने कुछ सिक्को को खासकर 10 रुपये के सिक्के को नकली बताकर लेने से इंकार करते थे इस्का परिणाम यह हुआ कि 10 रुपये का सिक्का चलन से बाहर हो गया। सरकार द्वारा 10 रुपये के नोटो के कागज की गुणवत्ता इतनी खराब है कि कुछ ही दिनों के लेन देंन के बाद यह नोट फटने व गंदे होने लग जाते है जिसकी वजह से इस नोट को दुकानदार व ग्राहक लेना नहीं चाहते।

आज स्थिति ठीक उल्टी हो गई है। सिक्के खोजने से नहीं मिल रहा है। पहले बैंक वाले सिक्के बांटा किया करते थे कोई लेने को तैयार नही था आज लोग व व्यापारीगण चिल्हर लेने बैंकों का चक्कर मार रहे हैं किंतु चिल्हर मिलने की कही कोई संभावना दिखाई नहीं दे रहे हैं।

कुछ बैंकों से चिल्हर के संबंध में जानकारी ली गई पर सभी बैंकों ने ऊपर से ही चिल्हर नही आने की बात कही। नगर व ग्रामीण क्षेत्रो में लगातार आम उपभोक्ताओं, व्यापरियों दुकानदारों व छोटे छोटे व्यवसायियों को चिल्हर की कमी के चलते व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है। इस समस्या से निपटने व चिल्हर की किल्लत को दूर किये जाने हेतु अब व्यापारी संघ भी सामने आ गया है।

इस समस्या को लेकर छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स नगर इकाई के साथ छत्तीसगढ़ कांफिडेशन का ऑल इंडिया ट्रेडर्स नगर इकाई के अध्यक्ष मदन लाल अग्रवाल ने चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर इस समस्या से अवगत कराया था । चेंबर ऑफ कॉमर्स नगर इकाई अध्यक्ष अवधेश अग्रवाल ने बताया कि इसके लिए रिजर्व बैंक को भी पत्र लिखा गया था ।


सरायपाली के व्यापारी प्रतिनिधि राजेश अग्रवाल का कहना है की यहां चिल्लर की बहुत ज्यादा समस्या है पांच का सिक्का बाजार से गायब हो चुका है हर रोज ग्राहकों के सामने चिल्लर की समस्या आ रही है । इन्होंने यह भी मांग की है की सभी बैंकों को सिक्को की आपूर्ति सरायपाली में जल्द से जल्द की जाए अगर बैंकों के पास बांटने की समस्या है

तो किराना व्यापारी संघ स्वयं ही बाजार में सिक्कों का वितरण कर देगा बस बैंकों को सिक्कों को उपलब्ध कराना पड़ेगा

व्यापारी अपने दुकानों के सामने इस मिथक को तोड़ने के लिए सूचना टांग रहे हैं कि 5, 10 और 20 के सिक्के लिए जा रहे हैं। सिक्कों या नोट की कमी क्यों हो रही है यह सभी के लिए सोचने का और प्रशासन के लिए बैंकों के लिए चिंतन का विषय है।

चिंता व खोज का विषय यह भी है कि आखिर कुछ माह पहले ही चिल्हर के अत्यधिक आवक से सभी परेशान थे तो वही आज ठीक उल्टी स्थिति क्यों निर्मित हुई। आखिर भारी भरकम चिल्हर गया कहाँ। सरकार को शीघ्र ही इस समस्या का समाधान किया जाना चाहिए।

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