आस्था- विद्यार्थियों ने की मां सरस्वती की पूजा-अर्चना

आस्था- विद्यार्थियों ने की मां सरस्वती की पूजा-अर्चना
आस्था- विद्यार्थियों ने की मां सरस्वती की पूजा-अर्चना
आस्था- विद्यार्थियों ने की मां सरस्वती की पूजा-अर्चना

चांपा । माघ शुक्ल पंचमी एक शुभ त्यौहार माना जाता हैं , जिसे सभी हिंदु धर्मावलंबी बड़े ही हर्ष , उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं । यह त्यौहार बसंत ऋतु के आगमन का का प्रतीक हैं । बसंत पंचमी के दिन बसंत का जन्म होता हैं और इस दि वीणा वादिनी , विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती हैं और सभी लोग उनसे आशीष मांगते हैं । स्थानीय बरपाली चौक, डागा कॉलोनी में निवास करने वाले छोटे-छोटे बच्चें कुमारी अंशिका मास्टर लक्ष्य अपने मम्मी-पापा श्रीमति मधु-अजय अग्रवाल के साथ मां सरस्वती की पूजा किए ताकि माता रानी उन्हें पढ़ाई-लिखाई में हमेशा सफलता प्राप्ति का आशीर्वाद देती रहें और वे अपने माता-पिता का नाम रोशन करते रहें । साहित्यकार शशिभूषण सोनी ने बताया कि विद्या प्राप्ति के लिए विद्यार्थियों को नित्य भगवती मां सरस्वती की आराधना करनी चाहिए । इस दिन ब्रम्हा ने विद्या की देवी सरस्वती की रचना इसी उद्देश्य से की थी ,उनके एक हाथ में पुस्तक दुसरे में वीणा , तीसरे में माला और चौथे हाथ में आर्शीवाद प्रदात्ता हैं । इसी भावना से छोटे-छोटे बालक प्रफुल्लित होकर वर प्राप्ति पूजन करते हैं । बसंत ऋतु के स्वागत में प्रकृति का श्रृंगार करती हैं ,वृक्ष की डाली को पालना बनाकर बच्चें लगाते हैं पालने में वृक्षों के पत्ते सजा देते हैं तो कभी देवी-देवताओं को सुसज्जित करते हैं । बसंत के इस पर्व पर कला और विद्या की देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना करते हैं । बसंत पंचमी ऋतु परिवर्तन का पर्व भी हैं । कहा जाता हैं कि इस दिन शिशिर काल की विदाई और बसंत ऋतु के आगमन के साथ फागोत्सव आने का संकेत हैं ।

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