रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री को साधु-महात्माओं के साथ शास्त्रार्थ करने की चुनौती दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस संबंध में दो पोस्ट किए। पहले पोस्ट में भूपेश बघेल ने लिखा कि वे धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती देते हैं कि प्रदेश के मठ-मंदिरों में बैठे साधु-महात्माओं के साथ शास्त्रार्थ करके दिखाएं।
दूसरे पोस्ट में उन्होंने कहा कि जब धीरेंद्र शास्त्री का जन्म भी नहीं हुआ था, तब से वे स्वयं हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ कर रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या धीरेंद्र शास्त्री उन्हें सनातन धर्म सिखाएंगे। भूपेश बघेल ने यह भी कहा कि उनके ससुराल में ही पांच साधु हैं, लेकिन वे इस तरह के ढोंग में शामिल नहीं हैं।
इधर, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री को लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा विमान भेजे जाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे प्रदेश के खजाने का दुरुपयोग बताया और सवाल किया कि किस संवैधानिक हैसियत के तहत उनके लिए विमान भेजा गया। उन्होंने सरकार से इस मामले में स्पष्टीकरण जारी करने की मांग की।
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री न तो हिंदू समाज के प्रतिनिधि हैं और न ही सनातन धर्म के धर्मगुरु। उन्होंने कहा कि वे कथावाचक हो सकते हैं या टोना-टोटका करने वाले बाबा हो सकते हैं, लेकिन वे न तो किसी धर्माचार्य हैं और न ही किसी मान्यता प्राप्त शास्त्र पीठ के पीठाधीश्वर। उन्होंने आरोप लगाया कि उनका आचार-विचार और व्यवहार देश की गंगा-जमुनी संस्कृति के खिलाफ है। कांग्रेस नेता ने कहा कि सनातन धर्म जोड़ने का काम करता है, जबकि धीरेंद्र शास्त्री समाज में परस्पर विद्वेष फैलाने का कार्य करते हैं।