गरियाबंद। जिले के देवभोग और गोहरापदर क्षेत्र के धान खरीदी केंद्रों में बफर लिमिट से ढाई गुना से अधिक धान की खरीदी हो चुकी है, जबकि मिलर धान उठाने से कतराते नजर आ रहे हैं। इस स्थिति के चलते खरीदी केंद्रों में भंडारण और रख-रखाव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है और कई केंद्रों पर खरीदी बंद होने का खतरा मंडरा रहा है।

जानकारी के अनुसार, देवभोग शाखा के अंतर्गत संचालित 10 खरीदी केंद्रों की कुल बफर लिमिट 1 लाख 2000 क्विंटल तय की गई थी, लेकिन अब तक यहां 2 लाख 41 हजार 546 क्विंटल से अधिक धान खरीदा जा चुका है। वहीं गोहरापदर शाखा के 17 खरीदी केंद्रों की बफर लिमिट 1 लाख 69 हजार 200 क्विंटल है, जबकि खरीदी का आंकड़ा 3 लाख 45 हजार 214 क्विंटल तक पहुंच चुका है।
खरीदी बंद होने की चेतावनी
देवभोग केंद्र के प्राधिकृत अधिकारी कुंज बिहारी बेहरा ने बताया कि तय सीमा से कई गुना अधिक धान आने से भंडारण व्यवस्था चरमरा गई है। यदि शीघ्र उठाव नहीं हुआ तो आगामी सप्ताह से कई केंद्रों में खरीदी रोकनी पड़ सकती है। देवभोग ब्रांच मैनेजर अमर सिंह ठाकुर और गोहरापदर ब्रांच मैनेजर दुष्यंत इंग्ले ने भी बफर लिमिट पार होने की पुष्टि करते हुए जिला विपणन अधिकारी और नोडल अधिकारियों को पत्र भेजने की जानकारी दी है।
मिलर पीछे हटे, भुगतान भी अटका
जिले में पहले करीब 60 मिलर धान उठाव से जुड़े थे, लेकिन फिलहाल केवल 24 मिलरों ने ही अनुबंध किया है। शेष में से 22 मिलरों को अपात्र श्रेणी में रखकर मॉड्यूल से लॉक कर दिया गया है। वहीं फोर्टीफाइड चावल, पिछले वर्ष के परिवहन शुल्क और कस्टम मिलिंग के करोड़ों रुपये का भुगतान लंबित होने के कारण भी कई मिलर उठाव से दूरी बना रहे हैं।
सोमवार से तेज होगा उठाव – डीएमओ
जिला विपणन अधिकारी किशोर चंद्रा ने बताया कि ट्रांसपोर्टर से अनुबंध और राज्य स्तरीय समिति की स्वीकृति प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। कुछ क्षेत्रों में उठाव शुरू हो चुका है और सोमवार से देवभोग क्षेत्र में नियमित उठाव शुरू किया जाएगा। मिलरों की संख्या कम होने के कारण पड़ोसी जिलों के मिलरों से भी अनुबंध किया जाएगा, ताकि उठाव की प्रक्रिया को गति दी जा सके।