‘विश्व रंग’ में फिर खिलेगी संस्कृति की बगिया…27 नवंबर से शुरू होगा सातवां संस्करण

विश्व रंग के महानिदेशक एवं रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे ने बताया कि 2019 में शुरू हुई विश्व रंग की यात्रा अब और अधिक व्यापक, अंतरराष्ट्रीय और बहुआयामी होकर नए स्वरूप में वापस भोपाल लौटी है। 27 नवंबर की शाम रंगारंग शोभायात्रा के बाद म.प्र. के राज्यपाल मंगुभाई पटेल महोत्सव का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर मॉरिशस के पूर्व राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन, म.प्र. के संस्कृति मंत्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी और कुलाधिपति संतोष चौबे विशेष अतिथि होंगे।

सहनिदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, डॉ. जवाहर कर्णावट और विनय उपाध्याय ने भी आयोजन को लेकर जानकारी दी।

महोत्सव में सांस्कृतिक और वैचारिक रंगों का अनूठा ताना-बाना

  • महोत्सव में देश–दुनिया के साहित्यकार, कलाकार, मीडिया–शिक्षाविद, वैज्ञानिक, तकनीकी विशेषज्ञ, पर्यावरणविद और मनोरंजन जगत की हस्तियाँ शामिल होंगी।
  • स्वानंद किरकिरे, दिव्या दत्ता, देवदत्त पटनायक, पुष्पेष पंत, राधाकृष्ण पिल्लै, प्रिया मलिक, फैज़ल मलिक सहित युवाओं के प्रेरक वक्ताओं की भागीदारी विशेष आकर्षण होगी।
  • शुभारंभ संध्या में नई दिल्ली के श्रीराम कला केन्द्र द्वारा श्रीकृष्ण लीला का भव्य मंचन।
  • 30 नवंबर को समापन दिवस पर नागपुर के प्रयास रंग समूह द्वारा महानाट्य ‘अहिल्या रूपेण संस्थिता’ का प्रदर्शन।

संस्कृति और विरासत के विस्तृत आयाम

  • ‘आदिरंग’ प्रकोष्ठ में जनजातीय साहित्य, संस्कृति, शिल्प, नृत्य-संगीत और हेरिटेज फिल्मों ‘गणगौर गाथा’ और ‘संजा’ का प्रदर्शन।
  • विकसित भारत में कला–साहित्य की भूमिका पर कला संवाद, पेंटिंग प्रदर्शनियाँ और परिसंवाद।
  • 50 से अधिक देशों में हिन्दी रचनात्मकता पर आधारित रिपोर्ट ‘विश्व में हिंदी’ सहित कई पुस्तकों के लोकार्पण।

विश्व रंग मानद अलंकरण 2025

इस वर्ष निम्न छह विभूतियों को प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया जाएगा —

  • ममता कालिया (हिन्दी)
  • हरीश मीनाश्रु (गुजराती)
  • चन्द्रभान खयाल (उर्दू)
  • एच. एन. शिवप्रकाश (कन्नड़)
  • लक्ष्मण गायकवाड़ (मराठी)
  • परेश नरेन्द्र कामत (कोंकणी)
    ये अलंकरण 27 नवंबर की उद्घाटन संध्या में प्रदान किए जाएंगे।

विश्व हिन्दी ओलंपियाड का सम्मान

29 नवंबर की शाम समापन समारोह में विश्व हिन्दी ओलंपियाड के विजेताओं की घोषणा और सम्मान किया जाएगा। समारोह में श्री पृथ्वीराज सिंह रूपन, पूर्व केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक, उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल और कुलाधिपति संतोष चौबे उपस्थित रहेंगे।

भोजन, संगीत और लोक संस्कृति का उत्सव

पूरे महोत्सव अवधि में गुजराती, मराठी, पंजाबी और निमाड़ी व्यंजन स्वाद के स्टॉलों पर उपलब्ध रहेंगे।
ध्रुपद, लोक संगीत, आध्यात्मिक गीतों और बांग्ला संगीत की विशिष्ट प्रस्तुतियाँ भोपाल की फिज़ाओं को सांस्कृतिक सुरों से महकाएँगी

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *